-तीसरी लहर से निपटने के लिए बनारस तैयार

16 सौ से अधिक चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ दी जा रही ट्रेनिंग

डाक्टरों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अलर्ट किया है, जिसमें कहा गया है कि तीसरी लहर का आना निश्चित है, जो दहलीज पर है। हालांकि तीसरी लहर से निपटने के लिए चिकित्सकीय सुविधाओं से वाराणसी लैस है। अब पीडियाट्रिक चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टॉफ को ट्रेनिंग दी जा रही है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने बीएचयू स्थित ट्रेनिंग सेंटर जाकर यह जानने की कोशिश की कि किस तरह मेडिकल स्टाफ को तीसरी लहर के लिए तैयार किया रहा है तो चौकाने वाली जानकारी सामने आई। एम्बुलेंस ड्राइवर और पैरामेडिकल इंटर्न को भी तीसरी लहर के लिए तैयार किया जा रहा है। जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ तीसरी लहर में बच्चों को वेंटिलेटर लगाने, कौन सी दवा और उसकी मात्रा की जानकारी, सीवियर मैनेजमेंट, बच्चों में लक्षण की पहचान, बच्चों की देखरेख, मरीज व परिजनों की काउंसलिंग के लिए तैयार कर रहे हैं।

वर्चुअल और व्यवाहारिक तरीके से दी जा रही ट्रेनिंग

बीएचयू में पीडियाट्रिक कोविड केयर मैनेजमेंट का प्रशिक्षण कई बैच बनाकर दिया जा रहा है, जिसमें डॉक्टर, एनेस्थेटिक पैरामेडिकल स्टाफ शामिल है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में बच्चों को वेंटिलेटर लगाने, कौन सी दवा और उसकी मात्रा की जानकारी, सीवियर मैनेजमेंट, बच्चों में लक्षण की पहचान, बच्चों की देखरेख, मरीज व परिजनों की कॉउंसलिंग आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। थ्योरी व प्रैक्टिकल दोनों तरह से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

एम्बुलेंस ड्राइवर को भी ट्रेनिंग

सरकार ने डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, एनेस्थेटिक, यहां तक की एम्बुलेंस के ड्राइवर को भी थर्ड वेव में संक्रमित बच्चों के इलाज लिए प्रशिक्षण देकर तैयार कर रही है। अब तक 504 लोगों की ट्रेनिंग हो चुकी है। करीब 380 लोगों का प्रशिक्षण चल रहा है, जबकि करीब 764 लोगों का ट्रेनिंग प्रोग्राम जल्दी शुरू होने वाला है। ये ट्रेनिंग कार्यक्रम लगातार चलता रहेगा।

पैरामेडिकल इंटर्न भी इलाज के लिए तैयार

सरकार थर्ड वेव में बच्चों के संक्रमित होने की संभावना पर काफी संवेदनशील व सख्त दिख रही है। सरकार बच्चों के मामले में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है। इसलिए एमबीबीएस इंटर्न, नìसग इंटर्न, लैब अस्सिटेंट, लैब टेक्निशियन, एम्बुलेंस ड्राइवर, प्राइवेट पैरामेडिकल इंटर्न, हॉस्पिटल मैनेजमेंट स्टाफ, पीडियाट्रिक डॉक्टर, एनेस्थेटिक आदि अस्पताल से जुड़े सभी लोगों को प्रशिक्षित कर रही है। सरकार थर्ड वेव में बच्चों के उपचार में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। इसलिए लिए पीकू पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट और एनआईसीयू न्यूनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट ऑक्सीजन समेत सभी मूलभूत सुविधाओं की तैयारियां पहले से कर लेना चाहती है।

चार जगहों पर चल रही ट्रेनिंग

कोरोना की पहली और दूसरी लहर पर काबू पाने के बाद प्रदेश सरकार तीसरी लहर को मात देने की तैयारी में कोई कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहती है। सरकार ने स्वास्थ विभाग को अलर्ट करते हुए चिकित्सकीय सुविधा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चिकित्सकों की फौज को कोरोना से लड़ने के लिए प्रशिक्षित भी कर रही है। वाराणसी मंडल के डॉक्टर्स पैरामेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग कई बैचों में कई जगह कराई जा रही है। जिसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल, बीएचयू, कुछ निजी अस्पताल शामिल है।

तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा खतरा है। इसलिए इलाज में छोटी सी भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इसी को ध्यान में रखकर पीडियाट्रिक चिकित्सकों के अलावा एम्बुलेंस ड्राइवर से लेकर पैरामेडिकल इंटर्न को भी ट्रेनिंग दी जा रही है।

-प्रोफेसर अशोक कुमार, बाल रोग विशेषज्ञ एवं डीन, बीएचयू