-बच्चों में निमोनिया सहित वायरल फीवर की बढ़ी कम्पलेन, मंडलीय व डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पहुंच रहे हैं डेली डेढ़ सौ से अधिक बच्चे

-डॉक्टर्स की सलाह, थोड़ी सी लापरवाही बुखार, खांसी व निमोनिया का बढ़ा देगी खतरा

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VARANASI

मौसम में अचानक हुए बदलाव ने मम्मी-पापा की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। उन्हें अपने लाड़ले की चिंता सताने लगी है। ठंड की शुरुआत होते ही बच्चों में निमोनिया सहित वायरल फीवर का खतरा बढ़ गया है। दो दिनों के अंदर मंडलीय व डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल्स में अपने लाड़ले को लेकर आने वाले मम्मी-पापा की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। डॉक्टर्स भी मान रहे हैं कि ठंड ने बीमारियों का वेलकम कर दिया है। इधर दो दिनों के अंदर बच्चों में निमोनिया की कम्पलेन बढ़ी है। थोड़ी सी लापरवाही बच्चों से लेकर बड़ों तक में बुखार, खांसी व निमोनिया का खतरा बढ़ा देगा।

खाएं सादा खाना, पीए खूब पानी

सर्दी में अक्सर निमोनिया होने का डर रहता है। आमतौर पर निमोनिया कई कारणों से होता है जिनमें प्रमुख हैं बैक्टीरिया, वायरस, फंगी आदि। बैक्टीरिया जनित निमोनिया दो से चार हफ्तेमें ठीक हो सकता है। इसके विपरीत वायरल जनित निमोनिया के ठीक होने में अधिक समय लगता है। निमोनिया का पता इस बात से अधिक लगाया जाता है कि पहली बार बीमारी का पता चलने के समय पेशेंट कितना बीमार था, निमोनिया के पेशेंट को सादा भोजन करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए, मरीज को तेल, मसालेदार और बाहर के फूड आइटम्स से परहेज करना चाहिए।

लक्षण

निमोनिया में अक्सर पेशेंट के थूकते समय मुख से खून भी आ जाता है, इसके अलावा चमड़ी का नीला पड़ना, मचली, उल्टी, थकान, भूख न लगना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द भी होता है। चेस्ट में दर्द, तेज बुखार, जो क्0फ् से क्0ब् डिग्री तक पहुंच जाता है। सर्दी लग कर शरीर ठंडा पड़ जाना, सिर दर्द, सूखी खांसी, खांसने पर कम मात्रा में कफ आना, छोटे या नवजात बच्चों में कोई विशेष लक्षण दिखाई नहीं देता है। बच्चे देखने में बीमार लगें तो उन्हें निमोनिया हो सकता है।

ऐसे करें बचाव

-सबसे पहले डॉक्टर को दिखा कर अपना इलाज शुरु कराएं।

-रोगी को गर्म कमरे में आराम से लिटाए, खुली हवा व आक्सीजन पूरी मात्रा में मिलनी चाहिये। गर्म पेय जैसे, चाय, गर्म पानी, फलों का रस आदि पिलाते रहें।

-बच्चों को निमोनिया होने पर उन्हें दूध में थोड़ा केसर मिला कर दिन में दो बार पिलाएं।

इधर दो-तीन दिनों के अंदर बच्चों में निमोनिया सहित वायरल फीवर की कम्पलेन तेजी से बढ़ी है। रोजाना ब्0-भ्0 बच्चे वायरल फीवर सहित निमोनिया से ग्रसित होकर ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इनके पेरेंट्स को बीमारियों से बचने की सलाह दी जा रही है।

डॉ। मनीष तिवारी, चाइल्ड स्पेशलिस्ट

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल

इस मौसम में बच्चों में निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। जरूरी है कि बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर रखें। बुखार आने पर तुरंत स्पेशलिस्ट्स डॉक्टर से ही चेकअप कराएं।

डॉ। शैलेश मालवीय

जनरल फिजिशियन