वाराणसी (ब्यूरो)अगर आप शाम में बीमार हो जाते हैें तो जिले के अर्बन सीएचसी-पीएचसी में आपको डॉक्टर साहब नहीं मिलेंगेइसकी कई शिकायतें सीएमओ कार्यालय भी पहुंची है, लेकिन इस पर स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं दिखाई दे रहा हैहालांकि कुछेक पीएचसी पर कार्रवाई करके सख्ती बरतने की खानापूर्ति की जा रही है, लेकिन शाम के समय पीएचसी और सीएचसी सिर्फ इक्के-दुक्के स्टाफ नर्सों के सहारे ही अर्बन पीएचसी और सीएचसी चल रही हैसोमवार को शहर में स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत का पता लगाने के लिए अर्बन पीएचसी पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम पहुंची तो अधिकतर जगहों पर डॉक्टर नदारद ही मिलेआपको बता दें कि जिले के अर्बन सीएचसी और पीएचसी में डॉक्टरों की पहले से ही कमी है और जहां डॉक्टर पदस्थ हैं वहां शाम को अस्पतालों नहीं दिखाई देते हैं

गौरतलब है कि अस्पतालों की हालत सुधारने के लिए लगभग डेढ़ माह पूर्व सभी पीएचसी और सीएचसी के ओपीडी में एक अभियान के तहत सीएमओ समेत समस्त अपर अपर सीएमओ, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, चिकित्साधिकारी व नोडल अधिकारियों को एक घंटा शाम में मरीजों को देखना था, लेकिन यह अभियान एक सप्ताह भी सफल नहीं हो पाया.

विभाग की पहल नहीं आया काम

आम नागरिकों को और बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सीएमओ ने एक सप्ताह तक अभियान चलाया था, जिसमें तय हुआ था कि विभाग के आला अधिकारी ओपीडी में सांध्यकालीन एक घंटा मरीज देखेंगेइस बीच सीएमओ ने समस्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, चिकित्साधिकारी व नोडल अधिकारियों को भी प्रतिदिन सांध्यकालीन ओपीडी में एक घंटा मरीजों का परीक्षण करने के साथ ही चिकित्सकीय परामर्श देने का निर्देश दिया, लेकिन कई अधिकारियों ने सिर्फ सप्ताह भर नहीं जाकर सिर्फ एक या दो दिन जाना ही मुनासिब समझा और अभियान को खानापूर्ति कर समाप्त कर दिया गयाइस अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से बड़े-बड़े दावे किए गए, जिसमें यह कहा गया था कि नागरिकों को बेहतर से बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यह कदम उठाया गया है, लेकिन जब डॉक्टर ही नहीं रहेंगे तो कदम कैसे कारगर होगा

डॉक्टरों की कमी

शहर में सभी पीएचसी और सीएचसी में डॉक्टरों की संख्या बहुत कम हैकई अस्पतालों में शाम के समय डॉक्टर ही नहीं हैंइसके लिए इन दिनों विज्ञापन भी निकाला गया है ताकि डॉक्टरों की अस्पतालों में भर्ती की जा सकेजानकारी के मुताबिक सभी अर्बन सीएचसी और पीएचसी में औसतन प्रतिदिन 20 से 25 मरीज पहुंचते हैं, जिन्हें मौके पर मौजूद स्टाफ नर्स की ओर से जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता हैवहीं एक अस्पताल लगभग 15 से 20 हजार की आबादी को भी कवर करता हैइसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग का हाल यह है कि अस्पतालों में डॉक्टर ही नहीं है.

ओपीडी में नहीं रहते डॉक्टर

सीएमओ कार्यालय में आए दिन सीएचसी और पीएचसी में डॉक्टरों के नदारद होने की खबर मिलती हैबीते दिनों भेलूपुर में पदस्थ संविदा डॉक्टर की नहीं आने की शिकायत लगातार मिल रही थी, जिसके बाद सीएमओ डॉसंदीप चौधरी ने कार्रवाई करते हुए भेलूपुर डॉक्टर को निकाल दियासोमवार को भेलूपुर स्थित पीएचसी, दुर्गाकुंड स्थित सीएचसी समेत कई अस्पतालों के ओपीडी में डॉक्टर ही नजर नहीं आए.

डॉक्टरों की स्थिति

कुल अर्बन पीएचसी- 24

कुल अर्बन सीएचसी- 04

रेगुलर डॉक्टरों की संख्या- 26

कांट्रेक्ट डॉक्टरों की संख्या- 11

हमारे सीएचसी और पीएचसी में डॉक्टरों की कमी है और इसे पूरा करने के लिए विज्ञापन निकाला गया हैजहां तक बात है डॉक्टरों के ओपीडी में नहीं रहने की तो इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है, जो नहीं मिलेंगे उन पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

डॉसंदीप चौधरी, सीएमओ