वाराणसी (ब्यूरो)गंगा किनारे स्थित आठ गांवों में अंत्येष्टि स्थल यानी मुक्ति धाम बनाए जाएंगेइससे महाश्मशान मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह का लोड कम होगासाथ ही दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को शवदाह में सहूलियत होगीएक अंत्येष्टि स्थल के निर्माण पर करीब 24 लाख रुपये खर्च होंगेमुक्ति धाम में प्लेटफार्म, बाउंड्रीवाल, छत, रास्ता, पानी के लिए बोरिंग आदि काम होंगेहालांकि जनपद में कुल 32 अंत्येष्टि स्थल बनाने की योजना हैइसके लिए गंगा किनारे गांवों के साथ सभी आठों ब्लाकों में जमीन चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

एडीओ पंचायत को जिम्मा

चिरईगांव, चोलापुर और काशी विद्यापीठ समेत सभी आठों ब्लाकों के एडीओ पंचायत को जमीन चिन्हित करने का जिम्मा सौंपा गया हैजनपद में कुल 32 अंत्येष्टि स्थल बनने हैंहालांकि इसमें गंगा किनारे स्थित बेटावर, रमना, मूड़ादेव आदि गांवों में अंत्येष्टि स्थलों का निर्माण पूरा हो चुका हैअन्य गांवों के लोगों को दिक्कत को देखते हुए सीडीओ ने पांच और गांवों में उनके निर्माण का निर्देश दियाइसके बाद एडीओ पंचायत निर्धारित मानक के हिसाब से चिन्हित करना शुरू कर दिया हैसीडीओ हिमांशु नागपाल ने उम्मीद जताई कि इस महीने के अंत अंत्येष्टि धाम के लिए स्थान चिन्हित हो जाएंगे.

दो साल में एक मुक्ति धाम बना

पंचायती राज विभाग को बड़ागांव ब्लाक के ईसीपुर, कुसुमुरा, तड़सड़ा व बरहीनेवादा, चोलापुर के रजला, हरहुआ के चक्का और सेवापुरी के तेंदुई व इसरवार गांवों में अंत्येष्टि स्थल बनवाना हैआठों स्थानों के निर्माण पर कुल एक करोड़ 94 लाख 88 हजार रुपये खर्च होंगे.

मणिकर्णिका घाट का लोड कम होगा

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का विस्तार होने के चलते मणिकर्णिका घाट का काफी हिस्सा कारिडोर में चला गया हैइसके चलते शवदाह वाला एरिया कम हो गयाकारिडोर से पहले मणिकर्णिका घाट पर एक साथ 15 से 20 मुर्दे जलते थे, लेकिन अब यह संख्या 10 से 15 हो गई हैएक अनुमान के अनुसार हर दिन 80 से 100 मुर्दे जलते हैंइन शवयात्रा में शामिल लोगों की संख्या 5 से 6 हजार होती हैजगह कम होने के चलते मणिकर्णिका घाट पर अक्सर भीड़ जैसी स्थिति रहती हैभीड़ को कम करने के लिए गंगा किनारे आठ और पूरे जनपद में 32 अंत्येष्टि स्थल यानी मुक्ति धाम बनाने का काम चल रहा हैइसके बनने के बाद मणिकर्णिका के सााि हरिश्चंद्र घाट पर मुर्दा फूंकने वालों की संख्या में कमी आएगी.

जनपद में कुल 32 अंत्येष्टि स्थल बनने हैं, जिसमें कुछ जगहों पर निर्माण शुरू हो गया हैबाकी जगहों पर जमीन चिन्हित करने की प्रक्रिया चल रही है, जो इसी महीने में पूरा कर लिया जाएगा और निर्माण भी शुरू होगा.

हिंमाशु नागपाल, सीडीओ