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- टीम को कोरोना के प्रति लोगों को करना है जागरूक

- लॉकडाउन का हवाला देकर अपने कर्तव्यों से पीछे हटीं

वाराणसी।

पिछले कुछ दिनों से कोरोना के चलते शहर लॉक है, जिसके कारण पुलिस की मिशन शक्ति योजना पूरी तरह से डाउन हो गई है। इन दिनों मिशन शक्ति की टीम को कोई जागरूक करने के लिए नहीं मिल रहा है। यह कोई और नहीं खुद पुलिस विभाग के आंकड़े कह रहे हैं। पिछले कई दिनों से मिशन शक्ति का पहिया सड़कों पर नहीं दौड़ा, जबकि टीम को कोरोना काल में कोविड से जुड़े नियमों और जागरुकता अभियान घर-घर तक चलाना है।

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सरकार ने मिशन शक्ति योजना के तहत महिलाओं को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए गठन किया था। इसमें बाकायदा स्कूल, कॉलेजों, पार्क के अलावा कस्बों और सड़कों, चौराहों पर आने-जाने वाली हर एक महिलाओं, छात्राओं को जागरूक करने का काम करना होता है। पिछले कुछ दिनों से लॉकडाउन का दौर चल रहा है, जिसमें शहर पूरी तरह से लॉक है। इसके बाद मिशन शक्ति की टीम को कोरोना से एहतियात बरतने का काम अधिकारियों ने सौंपा, लेकिन इस काम में मिशन शक्ति का मिशन सफल नहीं हो रहा है।

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कोरोना के प्रति करना है जागरूक

मिशन शक्ति की टीम को केवल महिला हेल्पलाइन नंबर या उनकी सुरक्षा के लिए ही जागरुकता तक सीमित नहीं था। उन्हें कोविड जैसे वैश्विक महामारी के प्रति भी लोगों को सजग करना है। पुलिस की टीम सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क को पहनने के अलावा दो गज की दूरी बनाए रखने इत्यादि के प्रति लोगों को जागरूक करना है। लेकिन मिशन शक्ति का यह मिशन भी डाउन है। मिशन शक्ति के कामों की रफ्तार ठप पड़ने से पिछले किए गए कामों पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। कहा जा रहा है कि मिशन शक्ति सिर्फ कागजों पर ही तो नहीं चल रहा है?

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