-क्वाथ में शामिल चारों पदार्थो में हैं तमाम एंटी आक्सीडेंट व एंटी वायरल तत्व

-गोल्डेन मिल्क का सेवन व शुद्ध देसी घी सूंघना भी लाभकारी

कोरोना से बचाव ही इसका सबसे बड़ा उपाय है। मास्क, स्वच्छता, शारीरिक दूरी के साथ ही जरूरी है कि आयुष क्वाथ को भी अपनाया जाए। इसके उपयोग से कोरोना ही नहीं, बल्कि स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू एवं उनके वैरिएंट से भी बचा जा सकता है। इसे घर में भी बनाना आसान है। काली मिर्च, दालचीनी, सोंठ और तुलसी के सूखे पत्ते क्रमश: 1:2:2:4 के अनुपात में लेकर इससे काढ़ा बनाया जा सकता है। आयुष क्वाथ को बीएचयू में मानकीकरण करने वाले द्रव्यगुण विभाग (आयुर्वेद संकाय-आइएमएस) के हेड प्रो। केएन द्विवेदी के अनुसार क्वाथ पदार्थो में पालीफिनॉलिक कंपाउंड्स, टरपीन, फ्लेवोनॉएड्स, कैरोटिनॉएड्स, पाइपरीन, लॉरिक एसिड, बीटाकैरोटीन, टर्पिनॉएड्स आदि ऐसे शक्तिशाली तत्व हैं जो एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी माइक्रोबियल, एंटी फंगल, एंटी वायरल (एंटी एच1एन1, एंटी एच9एन2, एंटी एच7एन9 यानी स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू एवं उनके वैरिएंट) सिद्ध हुए हैं, पर जबरदस्त असरकारी है। इसी आधार पर इनका प्रयोग कोरोना वायरस से बचने के लिए भी किया जा रहा है। आयुष मंत्रालय की गाइडलाइंस में शुद्ध देसी घी का नासा मार्ग से प्रयोग और गोल्डेन मिल्क भी बहुत लाभदायक है। प्रो। द्विवेदी के अनुसार ध्यान देने की बात है कि आयुष क्वाथ कोरोना इंफेक्शन की दवा नहीं, बल्कि बचाव का एक सशक्त साधन है। आयुर्वेद में रसौषधियां भी हैं जिनका सहयोग कोविड की चिकित्सा में लिया जा सकता है। हालांकि इसको घर पर ही बनाना आसान है। उन्होंने बताया कि आयुष क्वाथ अब भी एक ऐसी औषधि है जिसका प्रयोग कोरोना से बचाव के लिए किया जा सकता है। हालांकि जिसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि बीमारियां हैं वे चिकित्सक की सलाह से ही इसका सेवन करें। आयुष मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार एक-दो बूंद शुद्ध देसी घी को सूंघना एवं गोल्डेन मिल्क का सेवन भी बहुत लाभकारी है, लेकिन इसके साथ ही यह ध्यान देना होगा कि मास्क, शारीरिक दूरी, सेनिटाइजर का प्रयोग व साबुन से हाथ धोना भी जरूरी है।