- बीएचयू के छात्रों ने टीम बनाकर 17 राज्यों तक पहुंचाई राहत सामग्री

- कोरोना के पीक पर इंटरनेट मीडिया से पहुंचा रहे थे ऑक्सीजन, प्लाज्मा व दवा

महामारी काल में लोगों की मदद करने के उद्देश्य से बीएचयू के कुछ छात्रों ने एक टीम बनाकर 14 दिन में 922 लोगों तक प्राणवायु, प्लाज्मा, हॉस्पिटल बेड जैसी राहत सुविधाएं पहुंचाई। इनमें से दो-चार को छोड़कर सभी की जान बचाई जा चुकी है। देश में 17 राज्यों के लोगों तक इनकी पहुंच बनी, जिसमें इंटरनेट मीडिया और फोन कॉल सबसे अहम हथियार साबित हुए। इसके साथ ही बनारस में कुल 287 कोरोना पीडि़तों की मदद हुई, जिसमें अस्पताल में 100 मरीजों को ऑक्सीजन बेड, 10 को वेंटिलेटर उपलब्ध कराने के साथ-साथ, 700 को जरूरी दवाइयां और आक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध करवाया गया। वहीं 40 मरीजों को लगभग ब्लड और प्लाज्मा की जरूरत थी, जिसे तत्काल इंटरनेट मीडिया के सहारे अनुरोध कर उन सभी की जान बचाई गई। इसके अलावा होम आइसोलेशन में रह रहे जरूरतमंद लोगों तक दो वक्त का भोजन और राशन की 17 राज्यों के डोनर रोजाना जुड़ते हैं। इस किसान सत्याग्रह टीम के संचालक राज अभिषेक ने कहा कि देश में लाखों परेशान लोगों की समस्या के सामने यह बहुत सूक्ष्म प्रयास है, लेकिन अब जब सरकारी व्यवस्था चरमरा गई है तो देश के हर नागरिक को ऐसे प्रयास के लिए सड़कों और इंटरनेट मीडिया के प्लेटफॉर्म पर उतरना होगा। कहा कि छात्रों की इस टीम में ग्रुप लीडर दिवाकर, धनंजय और मनीष के साथ सदस्य नीरज, मुरारी, प्रियेश, अवंतिका, अपराजिता, अभिलाक्षी, अनुष्का, रजत, जय, सृष्टि आदि ने बहुत बड़ी जिम्मेदारी समाज के प्रति निभाई है।

700 लोगों को पहुंचा रहे भोजन

ओएस बाल कुंदन फाउंडेशन के तहत कोरोना संक्रमित परिवारों को अन्न क्षेत्र से भोजन का वितरण किया जा रहा है। इसका नेतृत्व कौशल सिंह चुन्ना कर रहे हैं। बताया कि बाल कुंदन फाउंडेशन वासंतिक नवरात्रि की अष्टमी के दिन से कोरोना संक्रमित परिवारों को भोजन प्रसाद के रूप में सेवा दे रहा है। वर्तमान में सबके प्रयास से लगभग 700 लोगों को प्रतिदिन सात्विक भोजन उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है।