-गिरफ्त में आए पाकिस्तानी नागरिक जावेद के ई-मेल से मिली जानकारी

-बीएचयू में नहीं था उसका कोई सम्पर्क, केवल सुना था एक साइंटिस्ट का नाम

VARANASI

इंडो-नेपाल बॉर्डर से पकड़े गए पाकिस्तानी नागरिक जावेद से पूछताछ में सामने आया है कि वह नौकरी की तलाश में भटक रहा था। उसका यह भी कहना है कि वह एलर्जिक बीमारी से परेशान है। इससे निजात पाने के लिए किसी ठंडे देश में जाने की फिराक में था। खुद को कृषि वैज्ञानिक बताने वाला जावेद बार-बार यही कह रहा है कि वह पाकिस्तान छोड़ना चाहता है लेकिन इसके लिए अवैध रास्ता क्यों अपनाया? इसका सही-सही जवाब नहीं दे पा रहा है।

इंडिया में मिलेगा जुगाड़ से वीजा

जावेद ने जांच एजेंसियों की पूछताछ में बताया कि उसे स्किन की एलर्जिक बीमारी है जिसके लिए ठंडा वातावरण चाहिए। इसी कारण उसने पाकिस्तान छोड़ने का फैसला लिया। उसे कहीं से जानकारी मिली थी कि भारत में 'जुगाड़' से वीजा मिल सकता है और वह ठंडे देश में जा सकेगा। जावेद ने यह भी कबूल किया कि बीएचयू में उसका किसी से सम्पर्क नहीं है। बस तुर्की में एक सेमिनार के दौरान उसने बीएचयू के शिशिर नाम के साइंटिस्ट का नाम सुना था।

बयान से मिल रहे हैं ई-मेल

खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों को जावेद की बातों पर यकीन नहीं हो पा रहा है। लेकिन उसके ई-मेल और दस्तावेज से उसकी कही गयी बातें सच साबित हो रही हैं। उसकी रिमांड अभी दो दिन और चलेगी। केंद्रीय खुफिया विभाग से लेकर एटीएस तक पूछताछ कर चुकी है। पुलिस और खुफिया एजेंसी की ओर से की गयी पूछताछ में पहले तो जावेद की बातें लगातार शक पैदा करती रहीं। दिल्ली और लखनऊ से आये आला अधिकारियों ने उससे मिलने वाली जानकारियों का क्रॉस चेक किया। तो संदेह कमजोर पड़ता गया।