वाराणसी (ब्यूरो)। दो साल बाद कोरोना खत्म होते ही अचानक बनारस से विदेश जाने वालों की संख्या ने रफ्तार पकड़ ली है। यही वजह है कि पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या दस गुना बढ़ गयी है। दो साल पहले पासपोर्ट के लिए हर दिन 100 से 150 आवेदन आते थे। जबकि इस समय सामान्य व तत्काल पासपोर्ट के लिए 800 और पीसीसी के लिए 150 आवेदन आ रहे हैं। आवेदकों का ग्राफ बढ़ते ही पासपोर्ट बनने में भी तेजी आ गई है। अब मात्र पांच दिन में ही पासपोर्ट बन रहा है।
युवा सबसे आगे
महमूरगंज स्थित पासपोर्ट आफिस में प्रतिदिन पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वालों की भीड़ जुट रही है। खास बात ये है कि पासपोर्ट बनवाने वालों में सबसे बड़ा तबका उच्च शिक्षा ले रहे युवाओं का है, जो नौकरी के लिए विदेश की उड़ान भर रहे हैं। इसमें युवक की अपेक्षा युवतियों की संख्या ज्यादा है। पासपोर्ट के लिए आवेदन करने में युवतियों की संख्या बढ़ी है। युवा सबसे अधिक गल्फ कंट्री जाना पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा दूसरे नंबर पर धर्म विशेष के लोग हैं, जो धार्मिक यात्रा के लिए पासपोर्ट बनवा रहे हैं। संख्या में बढ़ोत्तरी का एक दूसरा कारण ये भी बताया जा रहा है कि अब पहले की अपेक्षा पासपोर्ट बनवाना आसान हो गया है। नियत समय में ऑनलाइन आवेदन से लेकर वेरिफिकेशन के कारण भी संख्या बढ़ रही है.
पर्यटन के लिए कम
पासपोर्ट का नाम आते ही जेहन में सबसे पहले विदेश में घूमने फिरने की इच्छा रखने वाले वर्ग का नाम आता है। लेकिन बनारस से पासपोर्ट बनवाने वालों में ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम है। वर्तमान में हर माह औसतन 300 से 500 लोग विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट बनवाते हैं, जिसमें धार्मिक यात्रा पर जाने वालों की संख्या ज्यादा रहती है।
तय हो गया है कोटा
दुनिया भर में बनारस की बढ़ रही साख का असर है कि बड़ी तादाद में युवक-युवतियां पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन कर रहे हैं। इंटरनेशनल उड़ानें शुरू होने की सूचना के बाद इसकी संख्या में और इजाफा हुआ है। इन आवेदनों में सामान्य और तत्काल पासपोर्ट के साथ पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) बनवाने की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। पीसीसी के लिए चार अप्रैल, 2022 तक 275 कोटा तय है। कोरोना महामारी का असर कम होने से 20 से 30 फीसद आवेदनों की संख्या बढ़ी है.
पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट
पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट की जरूरत तब पड़ती है जब कोई व्यक्ति विदेश जाने के लिए आवासीय वीजा, रोजगार वीजा या फिर लांग टर्म वीजा के लिए आवेदन करता है। एक पर्यटक के तौर पर घूमने के लिए विदेश जाने के लिए ये कार्ड बनवाने की जरूरत नहीं है। जो लोग लंबी अवधि के लिए जा रहे हैं उनके लिए पीसीसी बनवाना आवश्यक होता है अन्यथा उन्हें विदेश में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलती.
पासपोर्ट बनवाने के लिए फीस
- सामान्य - 1500
- तत्काल - 3500
- पीसीसी - 500
- बालक - 1000
(15 साल तक)
पासपोर्ट के लिए आवेदकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। साकारात्मक वातावरण होने से नौकरी के लिए युवक-युवती समेत अन्य जरूरतमंद लोग पासपोर्ट बनवाते हैं। पीसीसी के लिए चार अप्रैल तक 275 कोटा है। इन दिनों लगभग 1000 आवेदन आ रहे हैं.
-डीएस रावत, सहायक पासपोर्ट अधिकारी, महमूरगंज