-किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर ने अपने अनुयायियों के साथ बाबा दरबार में लगायी हाजिरी

-गंगा आरती में भी हुई शामिल, आज किन्नर समुदाय के पितरों का करेंगी तर्पण

VARANASI

बाबा विश्वनाथ दरबार में हर रोज हजारों की संख्या में भक्त अपने लिए दुखों से छुटकारा और सुख की कामना में हाजिरी लगाते हैं। पर शुक्रवार को भक्तों का जो समूह पहुंचा वह कुछ खास ही था। उन्होंने अपने लिए क्या मांगा वह तो पता नहीं लेकिन इतना तो तय है कि उनकी प्रार्थना में खुद के लिए ऐसी जिंदगी की कामना तो नहीं ही होगी। जी हां, उज्जैन किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर ने अपने क्भ् अनुयायियों के साथ बाबा दरबार में हाजिरी लगाई।

किया षोडशाेपचार पूजन

आम भक्तों की तरह वे बाबा दरबार में पहुंचे और बाबा का दर्शन पूजन किया। आचार्य श्री कान्त मिश्र के नेतृत्व में काशी पुराधिपति का क्क् लीटर दूध से दुग्धाभिषेक व षोडशोपचार पूजन किया। उसके बाद उन्होंने मां अन्नपूर्णा दरबार में हाजिरी लगाई और वहां उप महंत शंकर पुरी का आशीर्वाद प्राप्त किया। बाबा और मां अन्नपूर्णा से उन्होंने सीमा पर तैयार जवानों की रक्षा का आशीर्वाद मांगा। उनके साथ अखाड़े के रक्षक आचार्य अजय दास, महंत भवानी मां, पीठाधीश लखनऊ सुधा तिवारी, दिल्ली महंत ट्िवकल और तमाम अखाड़े के संत साथ थे।

आज करेंगी पिंडदान

बाबा दर्शन के बाद ढुंढिराज गणेश होते हुए शीतला घाट पहुचीं। वहां किन्नर पीठाधीश्वर लक्ष्मी नारायण ने पांच वैदिक ब्राह्मणों द्वारा मां गंगा का पूजन व दुग्धाभिषेक किया, पूरे भाव विभोर होकर गंगी आरती देखी। आरती देखने के बाद पत्रकारों से बातचीत में बताया की मां गंगा से अपने पितरों की आत्मा की शान्ति के लिए कामना की है। देश के विभिन्न प्रांतों से किन्नर शनिवार को अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिशाचमोचन पर पिंडदान करेंगी। इसके अलावा दोपहर एक बजे से दुर्गाकुंड स्थित अंध विद्यालय में ब्राह्मणों को अपने हाथों से भोजन कराकर साम‌र्थ्य के अनुसार दान देंगी।

कोख में मृत बेटियों का श्राद्ध आज

सामाजिक संस्था आगमन द्वारा मातृनवमी तिथि पर शनिवार की सुबह दशाश्वमेध घाट पर क्क् वैदिक ब्राह्मणों के आचार्यत्व में गर्भ में मृत बेटियों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाएगा। संस्था के संस्थापक डॉ। संतोष ओझा ने बताया कि गर्भपात जीव की हत्या है। इस निमित्त जनजागरूकता के लिए बेटी बचाने के संदेश युक्त पोस्टर का लोकार्पण शुक्रवार की शाम दशाश्वमेध घाट पर किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने किया।