-होमी भामा कैंसर अस्पताल व एमपीएमएमसीसी ने की पहल

-इलाज करने के साथ तैयार किए जाएंगे बेहतर लैब टेक्निशियन

मुंबई के बाद बनारस में संचालित होमी भामा कैंसर हॉस्पिटल अब कैंसर पेशेंट का इलाज करने के साथ लैब एक्सपर्ट भी तैयार करेगा। जी हां टाटा मेमोरियल कैंसर इंस्टीट्यूट, मुंबई (टीएमसी) की ओर से यहां लैब टेक्निशियन कोर्स की शुरुआत की गई है। एक साल के इस कोर्स में कैंडीडेट के लिए छह माह का इंटर्नशिप भी होगा। खास बात ये है कि इसके लिए स्टूडेंट्स को स्टाइपेंड भी दिया जाएगा। इस कोर्स को शुरू करने की पहल संस्थान की ओर से संचालित होमी भाभा कैंसर अस्पताल और महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र (एमपीएमएमसीसी) ने की है। बता दें कि इन दोनों हॉस्पिटल का शुभारंभ पीएम मोदी ने 2019 में किया था।

दोनों हॉस्पिटल में चलेंगे कोर्स

बताया जा रहा है कि इस कोर्स के तहत स्टूडेंट्स को क्वालिटी बेस्ड ट्रेनिंग दी जाएगी। फिलहाल शुरुआती दौर में बीएचयू व होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल में मौजूद आठ विभागों को दो-दो सीट आवंटित की गई है। जिसमें पहले फेज में एक-एक सीट भर ली गई है जबकि बची सीटों के लिए अभ्यर्थियों के इंटरव्यू किए गए हैं। कुल 16 सीटों पर लैब टेक्निशियन के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। टीएमसी का मकसद बेहतर एवं अनुभवी लैब टेक्निशियन तैयार करना है। इसलिए इस कोर्स में गुणवत्ता को लेकर किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

निदेशक ने की थी घोषणा

पिछले माह केंद्र एवं हॉस्पिटल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की ओर से एक शैक्षणिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। उस दौरान निदेशक प्रो। सत्यजीत प्रधान ने अस्तपाल में शार्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्स शुरू करने की घोषणा की थी। यह आयोजन माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ। राहुल सरोदे, डॉ। सुजीत भारती, डॉ। विजेता वाजपेयी की देखरेख में हुई थी।

ट्रेनिंग प्लस स्टाइपेंड भी

6000

रुपये प्रति माह अभ्यर्थी को मिलेंगे शुरुआत के छह माह

10000

रुपये प्रति माह अभ्यर्थी को मिलेंगे इंटर्नशिप के दौरान

02

कैंसर हॉस्पिटल संचालित हो रहे हैं शहर में

इनके लिए तैयार होंगे उच्च स्तरीय लैब टेक्निशियन

- पैथोलॉजी,

-माइक्रोबायोलॉजी,

-बायोकेमेस्ट्री,

-ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन,

-हिमैटोलॉजी

-आपरेशन थियेटर

- आइसीयू

पहली जनवरी को पहले बैच के आठ अभ्यर्थियों का एडमिशन लिया जा चुका है। बची सीटों पर अभ्यर्थियों का चयन मेरिट एवं गुणवत्ता के आधार पर होगा। एक साल के बाद परीक्षा होगी, जिसके बाद प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

शशिकांत पटने, एसोसिएट प्रोफेसर-पैथोलॉजी विभाग