- गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स ने प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा है

VARANASI

अब वह दिन दूर नहीं जब बीएचयू के एसएस हॉस्पिटल में जटिल लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध होगी। आईएमएस के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी के डॉक्टर्स ने इस ओर कदम बढ़ा दिया है। देश में करीब क्8 संस्थानों में ही लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा है। बीएचयू में भी इसे शुरू करने के लिए प्रशासन को प्रस्ताव भेजा गया है। यह जानकारी शुक्रवार को गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ सुनीत शुक्ला व देवेश प्रकाश यादव ने पत्रकारों को दी। वे डिपार्टमेंट के सेमिनार हॉल में मीडिया से रूबरू थे। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस बी व सी दोनों ही बीमारी बहुत घातक हैं। इसके इंफेक्शन से लीवर सिरोसिस और लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में लीवर ट्रांसप्लांट ही मुख्य उपचार है, लेकिन इसकी व्यवस्था बहुत कम जगह है।

ख्भ्0 मरीजों की हुई जांच

डॉ। शुक्ला एवं डॉ। यादव ने बताया कि ख्8 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर विभाग में निशुल्क जांच शिविर लगाया गया। ख्भ्0 मरीजों की जांच की गई। लोगों को हेपेटाइटिस के लक्षण एवं बचाव के प्रति जागरूक भी किया गया। उन्होंने बताया कि गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग में मात्र ख्0 बेड ही हैं, जबकि जरूरत कम से कम क्00 बेड की है। हालांकि शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी कांप्लेक्स बनकर तैयार हो जाने के बाद सुविधाएं काफी बढ़ जाएंगी।

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फ्री में होता है वैक्सीनेशन

राष्ट्रीय टीकाकरण योजना के तहत विभाग में हेपेटाइटिस बी का मुफ्त वैक्सीनेशन किया जाता है। बताया कि बच्चे को जन्म से क्ख् घंटे के अंदर इस टीके को लगा देने से जीवन सुरक्षित हो जाता है। साथ ही अगर उन युवाओं के जीवन को भी सुरक्षित किया जा सकता है, जिन्हें यह रोग नहीं हुआ है और उनकी उम्र ख्0 साल तक हो। हांलाकि हेपेटाइटिस सी का टीका उपलब्ध नहीं है। बताया कि बी और सी का समूल इलाज नहीं है।