आग्जिलरी पॉवर यूनिट पर काम स्टार्ट

इंजन को ध्वनि व प्रदूषण मुक्त करने की ओर बढ़ाया कदम

VARANASI

डीएलडब्ल्यू ने इको फ्रेंडली इंजन बनाने की ओर कदम बढ़ा दिया है। संस्थान ने अब अपने इंजनों को ध्वनि और वायू प्रदूषण मुक्त करने का डिसीजन लिया है। इसके लिए इंजनों में आग्जिलरी पावर यूनिट (एपीयू) का यूज किया जायेगा। यह कवायद ध्वनि प्रदूषण के चलते बढ़ रहे गम्भीर दुष्परिणाम को देखते हुए शुरू किया गया है। ध्वनि प्रदूषण के चलते लोगों में बहरापन, हाई ब्लडप्रेशर और हार्ट की प्रॉब्लम सामने आ रहे हैं। इसी प्रकार वायु प्रदूषण से फेफड़े से संबंधित परेशानियां बढती जा रही हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए डीएलडब्ल्यू एडमिनिस्ट्रेशन ने प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड के मानकों के अनुरूप कैंपस और उत्पादों को बनाए रखने पर दृढ़ता से कार्य कर रहा है। अब एपीआई टेक्निक का यूज कर इंजन बनाने पर कार्य स्टार्ट हो गया है। जो मील का पत्थर साबित होगा।

इसे कहते हैं एपीयू

डीएलडब्ल्यू अपने लोको इंजनों में नयी टेक्निक आग्जिलरी पावर यूनिट पर कार्य स्टार्ट कर दिया है। इस टेक्निक की खास बात यह है कि रेल इंजन ऑटोमेटिक स्टार्ट और बंद हो जाएगा। टेक्निक की वजह से अनावश्यक ध्वनि और धुंए के उत्सर्जन में काफी कमी आ जाएगी। साथ ही एडवांस टर्बो चार्जर यूज में लाने से न केवल फ्यूज की सेविंग होगी बल्कि एग्जास्ट गैस तापमान में कमी आएगी। इलेक्ट्रानिक गवर्नर और इलेक्ट्रानिक फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम के यूज में लाए जाने से लोको इंजन की फ्यूल खपत में कमी होगी। हाइड्रोजन पॉवर फ्यूल सेल्स टेक्निक कार्बन उत्सर्जन को जीरो करने के साथ ही साथ जलवायु परिवर्तन के दौरान स्थिर बनाये रखती है। इसी टेक्निक को प्रायोगिक तौर पर यूज करने से शंटिंग के लिए फ्यूल सेल हाइब्रिड रेल इंजनों की निर्माण प्रक्रिया पर काम चल रहा है।

नयी नहीं कवायद

डीएलडब्ल्यू ने अपने कर्मचारियों को इन इफेक्ट से बचाव के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट (पीपीई) जैसे ईयर प्लग, ईयर मफ के यूज को वर्कशॉप में अनिवार्य कर दिया है। इंजनों से ध्वनि प्रदूषण के बड़ी समस्या है। इसी क्रम में डीएलडब्ल्यू ने कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड, नाइट्रोजन डाई आक्साइड और फ्लू गैस से फ्री करने के प्रॉसेस की मॉनिटरिंग कर रहा है। रेल इंजनों को ऐसी टेक्निक से लैस किया गया है। यही नहीं डीएलडब्ल्यू एडमिनिस्ट्रेशन ने पहले ही कैंपस को इको फ्रेंडली बना दिया है।