वाराणसी (ब्यूरो)एक जमाना था जब लोहटिया में बड़े पैमाने पर लोहे का कारोबार होता थाधीरे-धीरे नो-एंट्री ने कारोबार की कमर तोड़ दीआज वहां लोहे के गिने-चुने थोक कारोबारी बचे हैंलोहा कारोबार की वजह से पड़ा लोहटिया नाम अब नाम का रह गया हैअब वहां प्लास्टिक ड्रम, पीवीसी बाल्टी, तारकाटी, कढ़ाही ही नजर आती हैंअसल में यह बाजार न जाने कितनी समसयाओं से लोहा ले रहा है.

रोड पर ही खड़े होते हैं वाहन

इस मंडी का असितत्व तो सिमट गया मगर समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रहींमंडी में आज भी पूर्वांचल के जिलों से खरीदारी के लिए हजारों लोग रोज आते हैं तो उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यूरिनल व पार्किंग की रहती हैढूंढने पर भी पेशाबघर नहीं मिलता, गाड़ी खड़ी करने के लिए जगह नहीं मिलती तो जहां-तहां खड़ी कर देते हैं, जिससे जाम की दिककत बनी रही है.

बाजार की थी खास पहचान

सैकड़ों वर्ष पुरानी बात है जब लोहटिया में बहुत कम आबादी थीतब उसय सड़कों पर दुकानें नहीं लगती थीं, क्योंकि क्षेत्र में थोक का कारोबार करने वाले ही थेलोहटिया से काशीपुरा जाने वाले रास्ते पर ही गार्डर, छड़, चद़्दर का कारोबार होता थाइसके अलावा लोहटिया से डीएवी जाने वाले रास्ते पर लोहे के कारखाने होते थे, जहां लोहे की कढ़ाई, कृषि उपकरण, तांबा के बर्तन और अन्य सामान बनता थाधीरे-धीरे क्षेत्र में लोहे की रिटेल दुकानें खुलने लगींफिर यह पूर्वांचल का प्रमुख बाजार बन गयापूर्वांचल के अन्य जिलों से लोग खरीदारी करने के लिए आने लगेयूपी से सटे बिहार से भी ग्राहक आते थेअब इन सामान की दुकानें गिनी-चुनी रह गयी हैंव्यापारियों का कहना है कि नो-एंट्री के चलते ज्यादातर थोक कारोबारी काम समेट कर मलदहिया चले गए

क्षेत्र में करीब 500 दुकानें

क्षेत्र में करीब 500 दुकानें हैइन दुकानों पर सिक्कड़, कढ़ाही, तवा, फरसा, तसला, बक्सा, तराजू का कारोबार होता हैपहले जहां 10 करोड़ का कारोबार होता था, अब 3 से 4 कारोड़ का ही बचा हैसड़कें संकरी होने की वजह से आए दिन जाम के झाम से परेशान होना पड़ता हैफिलहाल मंडी के कारोबारियों की मांग है कि अगर नगर निगम यहां पार्किंग की व्यवस्था कर दे तो जाम से काफी हद तक राहत मिल सकती हैइसके अलावा यूरिनल की भी व्यवस्था की जाए.

नगर निगम पेयजल का इंतजाम कराए

मंडी के कारोबारियों का कहना है कि मंडी में प्याऊ की समस्या दूर हो सकती है, बशर्ते चौराहे के चबूतरा का कुआं पर नगर निगम पंप लगवा देव्यापारियों का कहना है कि लोहटिया चौराहे पर पुराने डिवाइडर को हटाकर पक्का डिवाइडर बनाया जा रहा है, इससे दिक्कत होगी, क्योंकि उसी चौराहे के पास रामलीला होती और ताजिया भी आते हैंपक्का डिवाइडर बन जाने से इधर मैदागिन और उधर कबीरचौरा चौराहे से लेकर आना पड़ेगाचौराहे के बीच से रास्ता देना जरूरी है, ताकि रामलीला की परंपरा न टूटे.

जाम का झाम बना मुसीबत

क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या जाम की हैदुकानदार जितना माल दुकानों के अंदर रखते हैं, उतना बाहर फैला देते हैंसड़कें संकरी होने के कारण लोहटिया में हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती हैएक-दो दुकानदारों की लापरवाही का खामियाजा सभी दुकानदारों को भुगतना पड़ता है

लोहटिया चौराहे पर डिवाइडर बनाने से पहले रामलीला के लिए जगह छोड़ी जानी चाहिएअन्यथा पुरानी परंपरा टूट जाएगी.

संतोष कुमार अग्रहरि, बड़ा गणेश लोहटिया लोहा व्यापार मंडल

नगर निगम सबसे पहले पार्किंग और यूरिनल का इंतजाम करे, ताकि दुकानदार और ग्राहकों को राहत मिले.

शिवशंकर विश्वकर्मा, मंत्री

जाम की समस्या को दूर करने के लिए नगर निगम को यहां पार्किंग बनवाना चाहिएऔर भी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए.

विरेन्द्र कुमार, कोषाध्यक्ष

नो-इंट्री ने पहले ही यहां के कारोबार ख्को खत्म कर दिया है, रही-सही कसर जाम से पूरी हो रही है.

अनमोल विश्वकर्मा, दुकानदार

चबूतरे पर बने कुएं को नगर निगम शुरू करवा दे तो बाजार मे पानी की दिक्कत दूर हो सकती है.

बबलू कसौधन, दुकानदार