वाराणसी (ब्यूरो)। भगवान बुध के पवित्र अस्थि अवशेष का दर्शन महाबोधि मूलगंध कुटीर विहार स्थित मंदिर में 19 नवंबर को तो होगा ही, इसके साथ ही मूलगंध कुटीर विहार के 90वें वार्षिकोत्सव पर भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश तथा तप:स्थली सारनाथ में विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजन किये जाएंगे। महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव एवं मूलगंध कुटीर विहार के विहाराधिपति भन्ते आर सुमित्थानन्द थेरो ने बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि इस वर्ष विहार के 90वें वार्षिकोत्सव पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। मुख्य रूप से 17, 18 व 19 नंबर को पाली एवं बौद्ध धर्म पर आधारित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया है।

दर्शन लाभ ले सकेंगे श्रद्धालु
मूलगंध कुटीर विहार में बुधवार व गुरुवार को पारंपरिक कठिन-चीवर पूजा एवं महासंघ दान का आयोजन है। वहीं शुक्रवार, 19 नवंबर को प्रात: 8:30 बजे से 11:30 बजे तक भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष का पारंपरिक पूजन होगा। इसके साथ ही भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि कलश को मूलगंध कुटीर विहार में रखा जाएगा, यहां श्रद्धालु दर्शन लाभ ले सकेंगे।

महापरित्राण पाठ हुआ, आज जलेंगे दीप
इससे पूर्व बुधवार को बोधि वृक्ष के समीप महापरित्राण पाठ का आयोजन हुआ जो पूरी रात चला। आज 18 नवंबर को सायं 6:30 बजे विश्वशांति के लिए प्रार्थना के साथ मूलगंध कुटीर विहार परिसर में दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे।

धर्म सभा का होगा आयोजन
वहीं कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को मूलगंध कुटीर विहार के 88वें वार्षिकोत्सव पर अपाह्न 2 बजे धर्म सभा का आयोजन किया गया है। इस दौरान यहां भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है।

हीरे और मोतियों से जड़े पात्र में अस्थि अवशेष
बता दें कि सारनाथ के मूलगंध कुटी विहार में हीरे और मोतियों से जड़े पात्र में अस्थि अवशेष तहखाने में रखा गया है। अस्थि अवशेष को मूलगंध कुटी विहार के निर्माण के साथ ही तत्कालीन ब्रिटिश गर्वनर ने महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के संस्थापक अनगारिक धर्मपाल को वर्ष 1931 में प्रदान किया था। मान्यता है कि कुशीनगर में बुद्ध के महानिर्वाण के बाद चिता की अग्नि में उनके शरीर के कई हिस्से तो जल गए, लेकिन अस्थियां यथावत बनी रहीं। चिता शांत होने पर मल्लों ने अस्थियों को स्वर्ण कलश में रख दिया था।

वार्षिकोत्सव पर ब्लॉक का होगा उद्घाटन
महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से संचालित महाबोधि विद्या परिषद के अधीन चलने वाले महाबोधि विद्यालय समूह का 88वां वार्षिकोत्सव शुक्रवार 19 नवंबर को मनाया जाएगा। दोपहर 2 बजे से आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि डॉ। विजय कुमार शुक्ला, कुलपति काशी हिंदू विश्वविद्यालय संबोधित करेंगे। अध्यक्षता करते हुए रविंद्र जायसवाल राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार स्टाम्प एवं न्यायालय शुल्क तथा पंजीयन कॉलेज के नवीन सेकेंड ब्लॉक का उद्घाटन करेंगे। वार्षिकोत्सव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम व पुरस्कार वितरण भी आयोजित है।

जन्मदिन की सौगात पर शिक्षण ब्लॉक
पनम लैबोरेट्रीज लिमिटेड न्यू दिल्ली के संस्थापक डायरेक्टर डॉ। पारस नाथ पाण्डेय का बचपन सारनाथ के कल्याणपुर गांव में बीता है। उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद वे कई संस्थानों में बड़े पदों पर रहे। डॉ। पारस नाथ पाण्डेय का शिक्षा व शिक्षण संस्थानों के उत्थान में बड़ा योगदान रहा है। महाबोधि इंटर कॉलेज का नवीन सेकेंड ब्लॉक उनकी ही देन है। इससे पूर्व उन्होंने आईआईटी कानपुर जहां से पीएचडी की डिग्री ली वहां के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट की पूरी लैबोरेट्रीज को रिनोवेट कराया। आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मुंबई सहित हमदर्द विवि दिल्ली में लगातार सहयोग करते आ रहे हैं। अपने 72वें जन्मदिन पर उन्होंने महाबोधि इंटर कॉलेज को शिक्षण ब्लॉक समर्पित किया है।

छात्रों की प्रदर्शनी से मैसेज
महाबोधि इंटर कॉलेज में पर्यावरण संरक्षण, सुरक्षा और जागरुकता को लेकर लगी प्रदर्शनी का उद्घाटन विद्यालय के प्रबंधक आर सुमिथानंद थेरो, महाबोधि विद्या परिषद के उपाध्यक्ष प्रो। राम मोहन पाठक, प्रचार्य प्रवीण कुमार श्रीवास्तव तथा विद्यालय के पुरातन छात्र डॉ। पारसनाथ पांडेय और उनकी धर्मपत्नी द्वारा किया गया। प्रदर्शनी में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, भूगोल, वाटर हार्वेस्टिंग, फायरिंग एलार्म, ऑटोमैटिक वाटर रोड, प्लान्ट सेल, कार्बन के अपररूप से संबंधित मॉडल लगाए गए। छात्रों ने पृथ्वी को हो रहे नुकसान, बचाव और जागरुकता वाले मॉडल प्रस्तुत किए। प्रदर्शनी में छात्रा पूनम सोनकर, कनकलता मिश्रा, खुशबू यादव, अतिमा शाह, प्रियंका पटेल, शिवानी थीं। आयोजन में राजेश यादव, सागर शर्मा, शंभू नाथ मौर्य, राजेश कुमार व वसंता कॉलेज के शिक्षकों का सहयोग रहा।