- प्रशासन की ओर से शासन को भेजा जाएगा प्रस्ताव, राजकीय लाइब्रेरी का नाम भी हो सकता है परिवर्तित

अर्दली बाजार स्थित कालेज आफ टीचर्स एजुकेशन (सीटीई) यानी एलटी कालेज परिसर जल्द ही स्वामी विवेकानंद के नाम से जाना जाएगा। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने हाल ही में परिसर के निरीक्षण के दौरान कहा कि इसका नामकरण स्वामी विवेकानंद के नाम पर किया जाएगा। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

उन्होंने यहां स्थित राजकीय लाइब्रेरी के नए भवन में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत निश्शुल्क को¨चग संचालन के निर्देश दिए। राजकीय लाइब्रेरी का भी नाम भी 'स्वामी विवेकानंद राजकीय माडल लाइब्रेरी' करने का प्रस्ताव तैयार हो रहा है। अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही प्रस्ताव को शासन से हरी झंडी मिल जाएगी। संभवत: विधानसभा चुनाव के पहले इसकी घोषणा की जा सकती है।

इस परिसर से स्वामी विवेकानंद का गहरा नाता रहा है। वह कई बार यहां आए और जीवन के अंतिम वर्षों में यहीं स्वास्थ्य लाभ के लिए भी प्रवास किया। वह जिस भवन में ठहरते थे, उसकी पहचान कभी गोपाल लाल विला के नाम से थी। परिसर को हेरिटेज घोषित करते हुए स्वामी विवेकानंद के नाम पर इसके नामकरण की मांग लंबे समय से उठती रही है। प्रशासन ने अब इसकी सुधि ली है।

स्वामी विवेकानंद ने एक माह किया प्रवास, सिस्टर निवेदिता को लिखा पत्र

स्वामी विवेकानंद ने बनारस की अंतिम यात्रा 1902 में की थी। उस दौरान वह बीमार थे। वह अर्दली बाजार स्थित गोपाल लाल विला (वर्तमान एलटी कालेज परिसर) में एक महीने तक ठहरे। चार मार्च, 1902 को इसी परिसर से उन्होंने सिस्टर निवेदिता को भेजे पत्र में लिखा- 'मुझे सांस लेने में अब भी काफी तकलीफ है। इस परिसर में आम, अमरूद के बड़े-बड़े पेड़ हैं। गुलाब का खूबसूरत बगीचा है और तालाब में सुंदर कमल खिले रहते हैं। यह जगह मेरे स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। यहां से कुछ मील दूर ही बुद्ध की प्रथम उपदेशस्थली सारनाथ भी है' लगभग तीन एकड़ में फैले इस परिसर की सुंदरता की उन्होंने जमकर तारीफ की। गोपाल लाल विला यानी स्वामी जी का दो मंजिला प्रवास स्थल अब पूरी तरह खंडहर में तब्दील है। परिसर में इस वक्त जिला विद्यालय निरीक्षक, संयुक्त शिक्षा निदेशक और सीईटी कालेज, प्राथमिक विद्यालय, राजकीय लाइब्रेरी है।