-आई नेक्स्ट और जागो बनारस की ओर से आयोजित हुआ महाचौपाल

-महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर किसी के पास नहीं था कोई ठोस वर्कप्लैन

-महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और बेहतर एजुकेशन मुद्दों पर भी दिया गोल-मोल जवाब

VARANASI: लोकसभा चुनाव में जहां नेता लोग पब्लिक को वादों की घुट्टी पिला रहे हैं वहीं दूसरे उम्मीदवारों पर कीचड़ भी उछाल रहे हैं। असल मुद्दों पर कहीं बात नहीं हो रही है। असल मुद्दों पर चर्चा के लिए एक पहल की आई नेक्स्ट ने। शुक्रवार को सभी दलों के कैंडीडेट्स को बुलाया और फिर हुआ महाचौपाल का आयोजन। यहां नेताओं को न सिर्फ असल मुद्दों पर अपना व्यू रखना पड़ा बल्कि पब्लिक के सवालों और शिकायतों का सामना भी करना पड़ा। क्या कुछ हुआ महाचौपाल में, पढि़ये आई नेक्स्ट के खास इवेंट की खास रिपोर्ट।

महाचौपाल का आयोजन

अगर पूछा जाये कि बनारस में चुनाव लड़ने वाली पार्टियों और उनके प्रत्याशियों की सबसे बड़ी कमजोरी क्या है तो सीधा जवाब है 'महिलाएं'। चाहे महिलाओं की सुरक्षा का मामला है, पुरुषों के अनुपात में महिलाओं की घटती संख्या का मामला हो, कन्या भ्रूण हत्या का, महिलाओं और खासतौर से छात्राओं के लिए शौचालय का मुद्दा हो, एक वर्ष से कम उम्र के बच्चियों का मृत्युदर ज्यादा होने की बात हो या फिर वूमेन रिजर्वेशन बिल का बड़ा मुद्दा हो। हर पार्टी और हर कैंडीडेट इस मामले में बस गोल-मोल ही जवाब रखता है। किसी के पास ना तो ठोस सोच है, ना कोई सॉलिड वर्क प्लैन। ना ही किसी ने खुलकर ये वादा किया है कि जब सांसद बना तो इन मुद्दों पर काम करने की कसम खाता है। महिलाओं मुद्दों पर सभी दलों और उनके प्रत्याशियों की ये कमजोर खुल कर सामने आई शुक्रवार को महाचौपाल में।

हुई सिर्फ मुद्दों की बात

आई नेक्स्ट की ओर से वाराणसी लोकसभा सीट पर भाग्य आजमा रहे सभी दलों के प्रत्याशियों को महाचौपाल इवेंट में इन्वाइट किया गया था। मकसद था, उन मुद्दों पर प्रत्याशियों का पक्ष जानना जिसे देश की जनता सबसे अहम मुद्दा मानती है। इस महाचौपाल में हर प्रत्याशी या उनके रिप्रेजेंटिव का उन मुद्दों पर अपनी पर्सनल राय रखनी थी जो आई नेक्स्ट के सर्वे में सबसे अहम मुद्दे के रूप में सामने आये थे। इसमें पहला था महंगाई, दूसरा भ्रष्टाचार, तीसरा महिलाओं की सुरक्षा, तीसरा बेरोजगारी और पांचवा बेहतर एजुकेशन।

बस अजय राय ने की हिम्मत

इस पूरे आयोजन में पब्लिक और पब्लिक इश्यूज को फेस करने की हिम्मत सिर्फ कांग्रेस कैंडीडेट अजय राय ही कर सके। बाकी नेता खुद को बड़ा बता कर या फिर खुद को कहीं और बिजी बताकर एबसेंट रहे। कांग्रेस को छोड़ अन्य सभी पार्टियों के कैंडीडेट्स ने अपने रिप्रेजेंटिव भेजे थे। अन्य पार्टियों में बीजेपी से देवानंद सिंह, समाजवादी पार्टी से शतरूद्र प्रकाश, आम आदमी पार्टी से गोपाल राय और बसपा से विष्णु दयाल कैंडीडेट के रिप्रेजेंटिव के रूप में महाचौपाल में शामिल हुए।

महिलाओं पर अटकी बात

महंगाई, भ्रष्टाचार के शुरूआती दो इश्यूज पर सभी ने अपनी बात रखी। किसी ने वजहों की चर्चा की तो किसी ने बताया कि इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है। मगर जब महिला सुरक्षा का इश्यू सामने आया तो मानो सभी की कमजोर नस दब गयी हो। महाचौपाल में ऑडियंस के तौर पर मौजूद महिलाओं ने जब पूछा कि महिला रिजर्वेशन बिल अब तक क्यों पास नहीं किया गया? ये सवाल उठाया तो सभी आएं-बाएं करने लगे। फिर सवाल आया कि मौजूदा कानून गैंग रेप मामलों में जुवेनाइल को सजा नहीं दे पाता, इस कानून का कौन बदलाव कराएगा? ये सवाल भी उठा कि बनारस में जहां पुरुषों के अनुपात में महिलाओं का रेशियो घट रहा है वहीं एक साल से कम उम्र के बच्चियों का डेथ रेट भी चिंताजनक है, इस मामले में सांसद बनने पर क्या रोल होगा? इन सभी सवालों में किसी ने भी ठोस जवाब नहीं दिया।

बदलते रहे मुद्दे भी

महाचौपाल में खुद को सेफ करने के लिए प्रत्याशी बीच-बीच में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने से भी नहीं चूके मगर पब्लिक ने ध्यान भटकाने की उनकी कोशिशों पर बखूबी पानी फेरा। जब भी प्रत्याशी या उनके रिप्रेजेंटिव एक दूसरे पर आरोप लगाकर मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करते, ऑडियंस उन्हें आड़े हाथ ले लेती। फाइनली सभी को मुद्दों पर अपनी राय रखने के लिए मजबूर होना पड़ा और इसी बहाने पब्लिक ने ये अंदाज लगा ही लिया कि किसमें कितना है दम।

सामने आई सार्थक बहस

भले ही महिला इश्यूज पर कोई भी ठोक वर्कप्लैन सामने नहीं रख सका मगर इतना जरूर था कि इस डिबेट में पब्लिक से फेस टू फेस होने पर ये पता जरूर चल गया कि कौन कितने पानी में है और किसका विजन कितना डीप है। महाचौपाल में क्यूरेटर की भूमिका आई नेक्स्ट के न्यूज एडीटर विश्वनाथ गोकर्ण ने अदा की। गेस्ट का थैंक्स सनबीम ग्रुप के चेयरमैन दीपक मधोक ने किया।

इनकी मौजूदगी रही खास

महाचौपाल में वैसे तो इस दौरान शहर के जाने माने व्यापारी, डॉक्टर्स, सोशल एक्टिविस्ट, एजुकेशनिस्ट, लॉयर्स, इंडस्ट्रीलिस्ट, आर्टिस्ट्स आदि को इन्वाइट किया गया था। इसमें लक्ष्मी हॉस्पिटल के एमडी डॉ। अशोक कुमार राय, इंडस्ट्रीलिस्ट आरके चौधरी, बिजनेसमैन धवल प्रकाश, संतुष्टि हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ। संजय व रितु गर्ग, व्यापारी नेता संजीव सिंह बिल्लू, फोटोग्राफर एंड डिजाइनर मनीष खत्री, डीएस रिसर्च सेंटर के विनय त्रिपाठी, सोशल एक्टिविस्ट अंजलि अग्रवाल, हरेकृष्ण ज्वैलर्स के संतोष जी अग्रवाल, एजुकेशनिस्ट अमृता बर्मन, आकाशवाणी की एनाउंसर प्रतिमा सिन्हा, सनबीम ग्रुप की डायरेक्टर भारतीय मधोक व हर्ष मधोक मेनली प्रेजेंट थे।

मुद्दों पर किसने क्या कहा

अजय राय, कैंडीडेट कांग्रेस पार्टी

महंगाई: हमारी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। वैश्रि्वक स्तर पर इसका असर ज्यादा है जबकि भारत में कम। जल्द ही इस पर नियंत्रण हो जाएगा।

भ्रष्टाचार: हमारी सरकार ने ही लोकपाल कानून बनाया है और उसी का परिणाम है जो हर भ्रष्टाचारी जेल में है। चाहे वो पार्टी का आदमी ही क्यों न हो। लेकिन भ्रष्टाचार पर नियंत्रण तभी होगा जब हम घूस देकर काम कराने की मानसिकता बदलें।

नारी सुरक्षा: ये कांग्रेस सरकार की देन है कि रेप मुद्दे पर कानून संशोधन हुआ है और रेप केसेज में जल्द फैसले आ रहे हैं। इसके बाद समाज में बदलाव की जरूरत है ताकि हर कहीं महिलाओं को सम्मान की निगाह से देखा जाये।

बेरोजगारी और बेहतर शिक्षा: आज की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। बदले परिवेश में टेक्निकल एजुकेशन की जरूरत ज्यादा है। इसी के जरिये बेरोजगारी को कम किया जा सकता है।

देवानंद सिंह, रिप्रेजेंटिव बीजेपी

महंगाई: महंगाई के लिए सरकार की पॉलिसी जिम्मेदार है जो हमारे उत्पादन को विदेश में बेचती है और जब देश में क्राइसिस होती है जो विदेशों से दोगुने दाम पर खरीदती है। चाइना भी हमें खोखला कर रहा है।

भ्रष्टाचार: जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है वहां देखिये, वहां लोकपाल के जरिये भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया गया है। नरेन्द्र मोदी की सोच है मिनिमम गवर्नमेंट एंड मैक्सिमम गवर्नेस। ये हुआ तो भ्रष्टाचार खुद ब खुद समाप्त हो जाएगा।

नारी सुरक्षा: नारी सुरक्षा में गुजरात को फालो करने की जरूरत है जहां रात एक बजे भी लड़कियां अकेले घूमती हैं और कोई उन्हें घूरता तक नहीं।

बेरोजगारी और बेहतर शिक्षा: लघु और मध्यम और कुटीर उद्योग को बढ़ावा देकर ही रोजगार के अवसर बढ़ाया जा सकता है। जब चीन से चीन प्रोडक्ट्स ने लघु और कुटीर उद्योग बंद कराये है, ये समस्या बढ़ी है।

गोपाल राय, रिप्रेजेंटिव आम आदमी पार्टी

महंगाई: इसकी मुख्य वजह है कालाबाजारी और मूल्य नियंत्रण उद्योगपतियों के हाथ में होना। अभी गैस के दाम बढ़ने वाले हैं जिसकी वजह बीजेपी व कांग्रेस की अम्बानी से सांठगांठ है।

भ्रष्टाचार: हमने ही जनलोकपाल की मांग उठायी है और जब जनलोकपाल लागू हो जाएगा तो सारे भ्रष्टाचारी जेल के अंदर होंगे। साथ ही गबन के रूपये भी वापस सरकार के खाते में जाएंगे जिसकी व्यवस्था मौजूदा कानून में नहीं है।

महिला सुरक्षा: महिलाओं की सुरक्षा के लिए सामाजिक चेतना के साथ ठोक नियंत्रण की जरूरत है। इसके लिए कानून में बदलाव भी करना होगा।

बेरोजगारी और बेहतर शिक्षा: कुटीर और लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर ही हम बेरोजगारी की समस्या को कम कर सकते हैं। इसके लिए अच्छी नीति बनानी होगी।

शतरूद्र प्रकाश, रिप्रेजेंटेटिव समाजवादी पार्टी

महंगाई: हर वस्तु का मैक्सिमम बिक्री तय कर के महंगाई को नियंत्रित किया जा सकता है। अभी चीजों का मूल्य मार्केट या फिर एमएनसी तय करती है। जिसकी वजह से ही महंगाई बढ़ रही है।

भ्रष्टाचार: पब्लिक सेक्टर में भ्रष्टाचार रोकने के लिए लोकपाल की नियुक्ति होनी चाहिए। साथ ही लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ खुद से आवाज उठानी होगी तभी बदलाव आयेगा।

महिला सुरक्षा: महिलाओं के प्रति सोच में बदलाव लाना होगा। कहना होगा कि देवी बनाओ न दासी, बनाओ बराबर की साथी। जब तक हमारी नजर साफ नहीं होगी, महिलाएं सुरक्षित नहीं रहेंगी।

बेरोजगारी और बेहतर शिक्षा: हमारी शिक्षा व्यवस्था को और अधिक रोजगारपरक और गुणवत्तायुक्त बनाने की जरूरत है। अभी मौजूदा शिक्षा व्यवस्था सभी को रोजगार देने में सक्षम नहीं है।

विष्णु दयाल, रिप्रेजेंटेटिव, बहुजन समाज पार्टी

महंगाई: महंगाई की सबसे बड़ी वजह है कालाबाजारी और जमाखोरी। बसपा शासनकाल में इस पर प्रभावी नियंत्रण था इसलिए महंगाई नियंत्रित थी मगर अब सत्ता की मिली भगत से फिर यही काम शुरू हो गया है जिससे महंगाई बेकाबू है।

भ्रष्टाचार: यदि शासन मजबूत हो तो भ्रष्टाचार करने वाले डरते हैं। बहन जी ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण किया था। इसके अलावा खुद के सोच में बदलाव लाये जाने की जरूरत है तभी भ्रष्टाचार नियंत्रित होगा।

महिला सुरक्षा: बहन जी के सरकार में महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित थीं मगर अब अराजकता का माहौल है जिसकी वजह से महिलाओं के साथ अपराध बढ़ता जा रहा है।

बेरोजगारी और बेहतर शिक्षा: बहुजन समाज पार्टी हमेशा से रोजगार को बढ़ावा देने के लिए काम करती आई है। बहन जी के शासन काल में तमाम भर्तियों के जरिये रोजगार दिया गया और बेहतर शिक्षा के लिए नये स्कूल-कॉलेज खोले गये।

सवालों की हुई बौछार

महाचौपाल में उम्मीदवार और उनके रिपे्रंटेटिव्स को सवालों के बौछार का भी सामना करना पड़ा। सवाल पूछने वालों में सनबीम ग्रुप के डिप्टी डायरेक्टर अमृता बर्मन ने वूमेन रिजर्वेशन बिल पर हर पार्टी के कैंडीडेट से उनका पक्ष पूछा। ये भी पूछा कि रेप मामलों में जुवेनाइल के बच निकलने पर क्या कानून में सार्थक तब्दीली करेंगे? डॉ। रितु गर्ग ने महिलाओं के जीने के अधिकार के मामले में सवाल उठाया और पूछा कि कोई ये बताएगा कि बनारस में महिलाओं का रेशियो पुरुषों की तुलना में क्यों घटता जा रहा है? भारती मधोक ने सवाल उठाया कि क्यों सरकारी स्कूलों में गर्ल स्टूडेंट्स के लिए टॉयलेट की व्यवस्था पर किसी को ध्यान नहीं है? इसी वजह से काफी लड़कियां स्कूल नहीं जाती है। धवल प्रकाश ने सवाल उठाया कि महमूरगंज के एक प्राथमिक स्कूल सहित पूरे शहर के सरकारी स्कूलों की हालत दयनीय क्यों है? शालिनी सक्सेना ने पूछा कि फीजिकली और मेंटली चैलेंज्ड लोगों के लिए किस कैंडीडेट के पास क्या प्लैन है? आरके चौधरी ने सवाल उठाया कि नकल अध्यादेश क्यों वापस हुआ और राज्य सभा में महिला रिजर्वेशन बिल क्यों अटका हुआ है? अंजलि अग्रवाल ने सवाल उठाया कि बनारस में बाढ़ पीडि़तों की सहायता के लिए स्थायी प्लैन क्या है?