-मथुरा जवाहरबाग में हुए उपद्रव के दौरान पुलिस पर भारी पड़े दंगाइयों को देखते हुए डीजीपी हुए सख्त

- सर्कुलर जारी कर हर जिले में हर हफ्ते दंगा नियंत्रण अभ्यास कराने का दिया निर्देश

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

हाल के दिनों में मथुरा में पुलिस पर हुए सबसे बड़े हमले के बाद खाकी सहम गई है। जवाहरबाग में कब्जा हटाने गए पुलिस वालों पर हमले में दो पुलिस वालों की मौत ने ये सवाल खड़ा कर दिया कि दंगाइयों के आगे पुलिस इतनी बेबस क्यों हो गई? क्या वजह थी कि लंबी चौड़ी फोर्स और अत्याधुनिक संसाधनों से लैस पुलिस वालों को दंगाइयों के आगे घुटने टेकने पड़े? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो मथुरा विवाद के बाद खाकी को डराने लगे हैं लेकिन अब आगे ऐसी कोई घटना न हो और अगर हो तो पुलिस इससे निपटने के लिए तैयार रहे इसके लिए डीजीपी ने कमर कस ली है। डीजीपी जावीद अहमद ने मथुरा घटना से सीख लेते हुए हर जिले को दंगा नियंत्रण के संसाधनों में परिपक्व होने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए अब हर हफ्ते पुलिस वालों को पुलिस लाइन में ट्रेनिंग करनी होगी। डीजीपी के इस आदेश का सर्कुलर जारी होने के बाद बनारस में इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है।

थानों से होगा सेलेक्शन

इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि ये आदेश डीजीपी ऑफिस का है। जिसके बाद हर थाने पर पुलिस वालों को दंगा नियंत्रण उपकरणों को चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए थानावार लिस्ट तैयार हो रही है और जल्द ही लिस्ट मिलने के बाद हफ्ते में एक दिन दो से तीन थानों के जवानों को पुलिसलाइन में आंसू गैस के गोले दागने, मिर्ची बम का इस्तेमाल करने, रबर बुलेट का यूज करने के अलावा अत्याधुनिक हथियारों का यूज करने के साथ अपने बचाव के तरीकों की भी ट्रेनिंग दी जायेगी। खासतौर पर कहीं भी हल्के-फुल्के विवाद के दौरान बगैर हेलमेट और बुलेटप्रूफ जैकेट के न जाने की हिदायत भी ट्रेनिंग में दी जायेगी ताकि सेफ्टी से स्थिति को काबू में करने का काम किया जा सके।