-मीडिया एण्ड जेण्डर सब्जेक्ट पर हुई चर्चा

ब्रेकथ्रो संस्था की ओर से बुधवार को नदेसर स्थित एक होटल में ओपेन हाउस का आयोजन किया गया। जिसमें 'मीडिया एण्ड जेण्डर' सब्जेक्ट चर्चा की गई। वरिष्ठ पत्रकार नासिर ने जेण्डर को परिभाषित करते हुए कहा कि जेण्डर के नाम पर एक खास वर्ग और उसके लिए नियम दायरे प्रतिबंध बनाए गए हैं। खासकर महिलाओं के लिए आज भी हम उस सोच से उबर नहीं पाए हैं।

लिंगानुपात गंभीर समस्या

उन्होंने विशेष रुप से बनारस में महिलाओं की स्थिति के बारे में बताया। कहा कि जनगणना के अनुसार बनारस में लिंगानुपात एक गंभीर विषय है। 2011 की जनगणना के अनुसार बनारस में एक हजार लकड़ों पर 885 लड़कियां हैं। वहीं यह आंकड़ा शहरी क्षेत्र में और कम है। इस असमान लिंगानुपात के पीछे कहीं न कहीं लिंग चयन के बाद गर्भपात मुख्य कारण है। उन्होंने महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा की मीडिया में छपने वाली खबरों और इस्तेमाल होने वाले शब्दों पर सवाल खड़े किए। कहा कि मीडिया की ये जिम्मेदारी बनती है कि महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित खबरों को लिखते समय सावधानी बरतें। क्योंकि उनकी खबरों का इम्पैक्ट पीडि़ता की निजी जिंदगी पर पड़ता है। काशी विद्यापीठ के डॉ। संजय ने भी मीडिया और जेण्डर से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा किया। कार्यक्रम में एनजीओ से जुड़े लोग, मीडियाकर्मियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इसके पहले ब्रेकथ्रो संस्था के विनीत त्रिपाठी ने प्रोजेक्टर पर कुछ वीडियोज दिखाकर विषय स्थापना की।