वाराणसी (ब्यूरो)शहर के विकास की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सरकार ने नगर निगम को सौंप रखी है, जिसकी महती भूमिका होती है कि वह जन सरोकारों से जुड़ें और समय-समय पर उनकी समस्याओं से अवगत होंइसके लिए सरकार द्वारा नगर निगम के आला अधिकारियों को सरकार द्वारा सीयूजी नंबर दिये जाते हैं, ताकि जनता तत्काल रूप से अपनी शिकायत कराते हुए अपनी समस्याओं का निराकरण पा सकेलेकिन, यहां इसके उलट हैनगर निगम के अधिकारियों पर लगातार आरोप लगता रहा है कि वे अपना सीयूजी नंबर नहीं उठाते हैंऐसे में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

आम आदमी का आरोप

दैनिक जागरण के रिपोर्टर से पीडि़तों ने कहा कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए वे नगर निगम के जोनल आफिसों के दर-दर चक्कर काट रहे हैंकई बार तो निगम के अधिकारी ये भी कहकर बोल देते हैं कि फ्री टाइम में फोन करना तो फिर इसका जवाब देंगे कि कैसे बनेगाव्यक्ति फोन नंबर लेकर जब घर जाकर फोन करता है तो नगर निगम के अधिकारी के फोन पर लगातार घंटी बजती रहती है लेकिन वे फोन नहीं उठाते हैं.

संगठन एवं एनजीओ का भी आरोप

जनता की सेवा एवं उनके हितार्थ के लिए पूरे शहर भर में सैकड़ो एनजीओ एवं संगठन कार्यरत हैंइनके द्वारा भी लगातार आरोप लगाया जा रहा है कि नगर निगम के उच्च से लेकर निम्न लेवल तक के अधिकारी एवं कर्मचारी फोन नहीं उठाते हैंयही नहीं ये अधिकारी दोबारा कालबैक भी नहीं करते हैंइसी सिलसिले में शहर के लहुराबीर व्यापार समिति, जनता हिताय समिति, वाराणसी किराना व्यापार समिति के प्रतिनिधियों ने बताया कि उनके भी अधिकारी फोन नहीं उठाते हैैं.

फोन उठाना होता है जरूरी

नगर निगम के आला अधिकारियों को जनसमस्याओं के निराकरण के लिए सरकार द्वारा इन अधिकारियों को फ्री नम्बर दिया गया हैइस नम्बर पर न ही अधिकारियों को अपने पास रिचार्ज करवाना होता है और न ही अपने पास से आउटगोइंग एवं इनकमिंग के लिए रिचार्ज करवाना होता हैइसके बावजूद भी नगर निगम के अधिकारी फोन उठाने और दोबारा काल करने से कतराते हैंसवाल पैदा होता है कि आखिर ये किस तरीके से समाज एवं जनता के हितार्थ अपनी सेवायें दे सकेंगे.

रिपोर्टर के काल करने पर दिखी असलियत

जनसूचनाओं को आधार मानते हुए जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रिपोर्टर ने इस मामले के वाच कियावहीं पिछले एक सप्ताह से समय-समय पर कई बार नगर निगम के अधिकारियों को काल करके देखा गया तो पता चला कि नगर निगम के अधिकारी अपने सीयूजी नंबर के फोन को रिसीव ही नहीं करते हंैइसके साथ ही नगर निगम के अधिकारी दोबारा काल बैक करने से भी कतराते हैैं.

अधिकारियों के रिस्पांस

नगर आयुक्त-फोन नहीं उठा

अपर नगर आयुक्त दुष्यंत-फोन नहीं उठा

अपर नगर आयुक्त सुमित -फोन उठा

संयुक्त नगर आयुक्त जगदीश-फोन नहीं उठा

वैयक्तिक सलाहकार भैयालाल-फोन नहीं उठा

जलकल सचिव-फोन नहीं उठा

जलकल एमडी-फोन उठा

स्वास्थ्य नगर अधिकारी-फोन उठा

जन्म मृत्यु आफिस-फोन नहीं उठा

अधिशासी अभियंता सामान्य विभाग-नहीं उठा फोन

जनता हमारे लिए सर्वोपरि हैउनकी ही सहूलियत एवं सुविधा के लिए सरकार के द्वारा सीयूजी नंबर दिया जाता हैअधिकारियों को हमेशा फोन रिसीव करना चाहिएयदि वे नहीं करते हैं तो उनको काल बैक करके बात करनी चाहिए.

मृदुला जायसवाल, मेयर, वाराणसी