-गंगा में विसर्जन पर लगे रोक के बाद पहली बार दुर्गा प्रतिमाएं गंगा सरोवर से लगायत तालाब, कुंड व पोखरों में हुई विसर्जित

-प्रशासन ने ली चैन की सांस, दो दिनों के अंदर जिले में स्थापित कई प्रतिमाओं का हुआ विसर्जन, कुछ बची हैं अभी भी

VARANASI

विसर्जन को लेकर प्रशासन की टेंशन शुक्रवार को कम दिखी। विजय दशमी व उसके एक दिन बाद तक दुर्गा प्रतिमाओं के शांतिपूर्वक हुए विसर्जन के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। हाईकोर्ट के गंगा में प्रतिमा विसर्जन पर रोक के बाद ख्ख् सितम्बर से अशांत पड़े बनारस में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन बड़ा टेंशन था। इसके लिए प्रशासन ने लंबी चौड़ी व्यवस्था कर रखी थी। प्रशासन ने दो गंगा सरोवर समेत लगभग एक दर्जन तालाब व पोखरों में भी विसर्जन की प्लैनिंग की थी जो शुक्रवार और शनिवार को सक्सेस रही। इन दो दिनों के दौरान जिले में बैठाई गई ख्भ्0 में से क्00 से ज्यादा प्रतिमाओं का विसर्जन अलग अलग जगहों पर किया गया। इस दौरान सुरक्षा के भी तगड़े इंतजाम थे।

सुबह से रात तक हुआ

शहर में स्थापित दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन गुरुवार को कड़ी सुरक्षा में सरोवरों, तालाब व कुंडों में शुरू हुआ जो शुक्रवार की देर रात तक चलता रहा। इस दौरान कहीं से किसी अप्रिय घटना के न होने पर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली। सुबह क्क् बजे लक्ष्मीकुंड में सबसे पहले लक्ष्मी स्पोर्टिग क्लब ने दुर्गा प्रतिमा विसर्जित किया। एहतियात के तौर पर गंगा घाटों पर भी सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे ताकि कोई गंगा में विसर्जन न कर सके। हालांकि इस बार विसर्जन के दौरान पूजा कमेटियों में वो उत्साह नहीं नहीं देखने को मिला जो इससे पहले उनमें नजर आता था।

लगी थी भारी फोर्स

सुरक्षा के मद्देनजर भारी फोर्स विसर्जन जुलूस के दौरान साथ चल रही थी। प्रशासन ने कुंडों, तालाबों व सरोवर पर बीएसएफ, एनडीआरएफ और पीएसी की टीम लगा रखी है। जगह-जगह शांति समिति व समाज संगठन के लोग भी विसर्जन में मदद के लिए मौजूद थे। शरारती तत्वों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही थी। खिड़किया घाट पर बने सरोवर में गुरुवार की दोपहर दो बजे पहला विसर्जन हुआ। शुक्रवार को भी इसमें कई प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। लक्ष्मीकुंड में आनन्द बाजार गोदौलिया के रंग संगम की प्रतिमा विसर्जित की गई। शाम भ्.ख्0 बजे कम्पनी बाग तालाब में पहली प्रतिमा त्रिलोचन दुर्गोत्सव समिति व मां जगदम्बा पूजनोत्सव समिति की प्रतिमा विसर्जित की गई। इसी तरह विश्वसुन्दरी पुल के पास बनाए गए सरोवर में गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी प्रतिमा विसर्जन का क्रम जारी रहा।

लाइट थी कम, हुई दिक्कत

समितियों का आरोप था कि विश्व सुंदरी पुल के नीचे बने सरोवर के पास लाइट की प्रॉपर व्यवस्था नहीं थी। जिसके चलते विसर्जन में दिक्कत आई। मच्छोदरी पार्क के गेट पर पंडाल बनने से वहां प्रतिमा ले जाने में दिक्कत हुई। शंकुलधारा में प्रतिमा विसर्जन के दौरान छेद होने के चलते नाव डूब गई। कुंड में विसर्जन के बाद नाव वाले ने प्रतिमा अवशेष निकालने से मना किया तो गोताखोर का भी कहीं पता नहीं चला। इसी तरह ईश्वरगंगी, भिखारीपुर, राय साहब का पोखरा, पहडि़या व गणेश तालाब में भी विसर्जन का सिलसिला चलता रहा। इस दौरान अधिकारी लगातार सरोवरों व कुंडों-तालाबों पर निरीक्षण करते रहे। शुक्रवार की शाम पांच बजे तक खिड़किया घाट पर कुल म्भ् मूर्तियां विसर्जित की जा चुकी थीं।

देहात में भी हुआ विसर्जन

गंगा में विसर्जन पर रोक के बाद गांव देहात की सैकड़ों प्रतिमाएं वहीं पर मौजूद तालाब, पोखरों और नहरों में विसर्जित की गई। मिर्जामुराद के चक्रपानपुर, बेनीपुर, प्रतापपुर, मनकईयां, जद्दूपुर, गुरुदासपुर समेत मिर्जामुराद बाजार में क्ब् पंडालों में स्थापित दुर्गा प्रतिमाओं में से क्ख् प्रतिमाओं का गुरुवार व शुक्रवार को मिर्जामुराद श्यामा माता मंदिर के पास ज्ञानपुर नहर में तथा दो प्रतिमाओं को तालाब में विसर्जित किया गया। चौबेपुर क्षेत्र के सोनबरसा जलाशय में सोनबरसा, भगतुआ, बर्थराकला, तरया, चौबेपुर, डुबकिया, सहित कई दुर्गा पूजा समितियों की दर्जन भर मूर्तियों का विसर्जन किया गया। गुरुवार को लोहता के भरथरा स्थित तालाब में गन्दगी देख मूर्ति विसर्जन से लोगों ने किया इनकार कर दिया। चोलापुर के महदा गांव स्थित पोखरे में डेढ फीट पानी होने के कारण प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं हो सका। कपसेठी के मां भद्र काली मंदिर के पास स्थित तालाब में भी पानी कम होने के कारण समितियों ने विसर्जन से इंकार कर दिया लेकिन मान मन्नौव्वल के बाद मान गए।

कुल विसर्जित हुई प्रतिमाएं

-बनारस में कुल फ्70 पूजा समितियां हैं रजिस्टर्ड।

- शहर में ख्भ्0 से ज्यादा प्रतिमाओं को पंडालों में किया गया था स्थापित।

- गुरुवार को पहले दिन खिड़कियां घाट पर बने गंगा सरोवर में क्फ् प्रतिमाओं का हुआ विसर्जन।

- शुक्रवार की देर रात तक 7भ् से ज्यादा प्रतिमाएं यहां हो चुकी थीं विसर्जित।

- प्रशासन को कुल क्ख्0 प्रतिमाओं को कराना है विसर्जन।

- लंका के सीर में विश्वसुंदरी पुल के नीचे बने तालाब में शुक्रवार तक ब्भ् से ज्यादा प्रतिमाएं हुई विसर्जित।

-शंकुलधारा पोखरे में दो दिनों के दौरान एक दर्जन से ज्यादा प्रतिमाएं हुई विसर्जित।