बीएचयू के शताब्दी वर्ष समारोह के अंर्तगत कवि सम्मेलन व मुशायरे का हुआ आयोजन

प्रख्यात कवि पद्मभूषण डॉ। गोपालदास नीरज के साथ अन्य नामचीन कवियों ने पेश की अपनी दमदार रचनाएं

VARANASI

वाह-वाह की आवाज तो कभी तालियों की गड़गड़ाहट। कभी जोरदार ठहाके तो कभी संजीदगी का चोला ओढ़े सन्नाटे की गूंज। जी हां, बुधवार को बीएचयू के एम्फीथियेटर ग्राउंड पर कुछ ऐसा ही माहौल देखने को मिला। मौका था बीएचयू के शताब्दी वर्ष समारोह के अंतर्गत आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का। कवियों ने अपनी बेहतरीन रचनाओं से श्रोताओं को हंसाया तो कभी उनके दिल में उतर कर गंभीर चिंतन पर मजबूर कर दिया। देश के वर्तमान हालात पर कवियों की रचनाओं ने उपस्थित हर श्रोता को झकझोरा भी।

'नीरज' ने लगाए चार चांद

कवि सम्मेलन के मंच पर प्रसिद्ध गीतकार डॉ गोपाल दास नीरज की उपस्थिति ने आयेाजन को चार चांद लगा दिये। कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे, आदमी को आदमी बनाने के लिए, ऐ भाई जरा देख के चलो जैसे रचनाएं सुना कर उन्होंने खुद की सार्थकता सिद्ध की। सम्मेलन के मंच पर जगदीश पंथी, यश मालवीय, भूषण त्यागी, हरि नारायण हरीश, वाहिद अली वाहिद, ईश्वर चंद्र त्रिपाठी, फलक सुल्तानपुरी आदि नामचीन कवियों ने अपनी रचनाएं सुनाकर श्रोताओं की वाहवाही बटोरी।

स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित

सभी कवियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के संयोजक प्रो केके सिंह, प्रो वशिष्ठ अनूप व डीन ऑफ स्टूडेंट्स प्रो एमके सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ गोपाल दास नीरज व अन्य कवियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कवि सम्मेलन का संचालन प्रख्यात कवि हरि नारायण हरीश ने किया। इसके पूर्व उदीयमान कवियों ने भी मंच से अपनी प्रतिभा लोगों तक पहुंचायी। संचालन हिन्दी विभाग के रिसर्च स्कॉलर लक्ष्मण गुप्ता ने किया।