-पांडेयपुर, पुलिस लाइन, सिगरा, शिवाला में बने नालों का i next ने किया रिएलिटी चेक

-नाला-नाली की सफाई में उजागर हुई लापरवाही, अधिकतर नालों से अब तक नहीं हटा कूड़ा-कचरा, न हटा सिल्ट

-मानसून से पहले सफाई का काम कर लेना था पूरा, नगर निगम सफाई के काम को पूरा कर लिये जाने का कर रहा दावा

VARANASI

Scene-1

पांडेयुर एरिया वक्त दोपहर के एक बजे, यहां स्थित नाला पॉलीथिन और मलबे से पटा पड़ा था। नाले के किनारों पर भी गंदी नजर आई और न ही उसमें से सिल्ट निकाला गया था। लोगों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नाले की अब तक सफाई नहीं कराई गई है। यही हाल रहा तो बारिश में नाला चोक हो जाएगा और पानी ओवरफ्लो होगा।

Scene-2

ट्रैफिक पुलिस लाइन की बाउंड्री के किनारे नाली बनी हुई है। इसमें गंदा पानी रुका हुआ था। नाली कूड़ा-कचरा से पूरी तरह पटी मिली। इस नाले की भी अब तक सफाई नहीं हुई है। नाली में कई जगह इतना कचरा भरा हुआ मिला कि बारिश हो जाए तो भरने वाला पानी का बहना मुश्किल होगा।

Scene-3

सिगरा थाने से कुछ आगे नाले के ढक्कन को तोड़कर उसकी सफाई के लिए खोला गया है। सिल्ट निकाल कर किनारे रख दिया गया है। न तो नाले की पूरी सफाई की गयी है और न ही सिल्ट हटा है। जहां एक ओर तोड़ा गया ढक्कन हादसों को दावत दे रहा है तो वहीं बारिश होने पर किनारे रखा सिल्ट वापस नाले में पहुंच जाएगा।

चार माह पहले शुरू हुई कवायद

नगर निगम की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई। बारिश के दौरान शहर को जल जमाव से बचाने के लिए मानसून से पहले नाला-नालियों की सफाई की योजना बनायी गयी थी। चार महीने पहले इसके लिए कवायद शुरू हो गयी। टेंडर होने के बाद काम भी शुरू हुआ लेकिन इतनी सुस्ती से कि अब तक सफाई का काम पूरा नहीं हो सका है। इसका खुलासा रविवार को आई नेक्स्ट के रिएलिटी चेक में हुआ। नालियां पॉलीथिन और सिल्ट से भरी पड़ी थी। नगर आयुक्त एसपी शाही का दावा था कि बारिश शुरू होने से पहले सभी नाले-नालियां साफ होंगे। लेकिन उनका दावा गलत साबित हुआ। इस बाबत जानकारी के लिए जब नगर आयुक्त को फोन किया गया तो उन्होंने उसे रिसीव ही नहीं किया।

कितना लगेगा वक्त, पता नहीं

नगर निगम में शहर में नालों की सफाई के लिए लाखों रुपये का टेंडर फरवरी-मार्च के दौरान हुआ था। इसके तहत शहर के 78 बड़े नालों के साथ सौ से ज्यादा छोटी नालियों की सफाई करायी जानी थी। साथ ही उसका सिल्ट भी सूखने के बाद हटाना था। आदेश था कि क्ख् जून तक काम पूरा कर लिया जाए। लेकिन मियाद बीतने के बाद भी नाला-नालियों की सफाई का काम पूरा नहीं हो सका। अभी तक सिर्फ 70 प्रतिशत नालों की ही सफाई हो सकी है।

सफाई या खानापूर्ति

नगर निगम का दावा है कि 78 में से ज्यादातर नालों की सफाई करा ली गयी है। लेकिन शहर में कोई भी ऐसा एरिया नहीं है जहां पर नगर निगम का ये दावा सच दिखे। नाला-नालियों की सफाई को लेकर नगर निगम की लापरवाही साफ दिख रही है। वहीं नगर आयुक्त भी इस बारे में कुछ भी बताने से परहेज ही कर रहे हैं।