- डिस्ट्रिक्ट के 24 आंगनबाड़ी केन्द्रों को दिया गया नंदघर का दर्जा

- स्मार्ट किट से पढ़ेंगे बच्चे, माताओं को सिखाया जाएगा हुनर

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VARANASI

नंदघर में मासूमों के साथ मां का भी फ्यूचर संवरेगा। बच्चों को स्मार्ट किट से स्टडी कराई जाएगी। खेल के सामान दिए जाएंगे। महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई समेत अन्य हैंडमेड सामान बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। बच्चों का रूटीन हेल्थ चेकअप होगा। उन्हें प्रीपैक्ड फूड भी दिया जाएगा। काशी विद्यापीठ ब्लॉक के ककरहिया व सरहारी समेत 24 आंगनबाड़ी केन्द्रों को नंदघर का दर्जा दिया गया है।

बनाया अट्रैक्टिव बिल्डिंग

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने प्रदेश के बनारस और पीलीभीत जिलों में चयनित आंगनबाड़ी केन्द्रों को नंदघर का दर्जा दिया है। डिस्ट्रिक्ट के 24 केन्द्रों का नंदघर के लिए चयन किया गया है। इन सेंटर्स की अट्रैक्टिव बिल्डिंग का निर्माण वेदांता कम्पनी ने कराया है। इसमें बच्चों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य के देखभाल के साथ ही उनकी मां को भी हुनरमंद बनाया जाएगा। सभी नंदघर आधुनिक फैसिलिटीज से लैस होंगे।

ये होगा खास

-नंदघर में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां बच्चों को एलईडी टीवी से एजुकेशन देंगी।

-टीवी में लगे पेनड्राइव से स्टडी प्रोग्राम दिखाया जाएगा।

-बच्चों को स्मार्ट किट भी दिया जाएगा। जिसमें एज के हिसाब से स्टडी और स्पोटर््स मैटेरियल रहेगा।

-कार्यकत्रियों को सेंटर और टीवी चलाने की ट्रेनिंग दी गई है।

-बच्चों को डेली न्यूट्रीशन युक्त फूड दिया जाएगा। जिसमें एक सेब या केला और प्री पैक्ड फूड होगा।

-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गोद लिए आराजी लाइन ब्लॉक के नागेपुर गांव से जल्द इसकी शुरुआत होगी।

सभी नंदघरों की कोआर्डिनेटर जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) या फिर सीडीपीओ करेंगी।

-सहयोग के लिए सुपरवाइजर भी रहेंगी।

हेल्थ सर्विस से बनेगी सेहत

नंदघर में अप्रैल के फ‌र्स्ट वीक से हेल्थ सर्विस शुरू की जाएगी। इसके तहत डिस्ट्रिक्ट हेल्थ डिपार्टमेंट की एम्बुलेंस और मेडिकल टीम सेंटर पर जाएगी। यहां बच्चों और कम्यूनिटी का हेल्थ चेकअप होगा। डॉक्टर सेहतमंद रहने की सलाह और दवाइयां देंगे। गम्भीर बीमारी के लक्षण दिखने पर मरीज को नजदीक के सरकारी अस्पताल भेजा जाएगा। अफसरों के मुताबिक एक दिन में चार से पांच गांव कवर किया जाएगा।

दी जाएगी ट्रेनिंग

नारी सशक्तीकरण की दिशा में कवायद करते हुए बच्चों की माताओं और गांव की अन्य महिलाओं को स्किल्ड कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। वूमेन को सिलाई, कढ़ाई, हैंडमेड व सजावटी सामान बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए कोई क्वालीफिकेशन नहीं है। महिलाओं को अपना उद्यम शुरू करने के लिए लोन दिलाने में मदद की जाएगी। उनके बनाए प्रोडक्ट की मार्केटिंग भी होगी।

- 3914 आंगनबाड़ी केन्द्र जिले में

- 991 आंगनबाड़ी सेंटर शहर में

- 200 नए केन्द्र बनाने का प्रस्ताव

- 3708 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां

- 3045 आंगनबाड़ी सहायिका

सभी नंदघरों में बच्चों को स्मार्ट एजुकेशन दी जा रही है। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है। हेल्थ सर्विसेज, न्यूट्रीशन फूड और वूमेन को स्किल्ड करने का काम भी जल्द शुरू होगा।

नीलम मेहता, डीपीओ