-दुर्गा पूजा के लिए शहर में स्थापित होने वाली 350 से ज्यादा प्रतिमाओं के विसर्जन को अब तक नहीं बनी कोई रूपरेखा

-हाईकोर्ट से गंगा में विसर्जन पर लगी रोक के बाद पिछले साल बनाये गए दो गंगा सरोवरों में से एक गया पट, दूसरे का हाल भी बदहाल

VARANASI

पिछले साल हाईकोर्ट की ओर से गंगा में पॉल्यूशन रोकने के लिए इसमें प्रतिमाओं के विसर्जन पर लगाई गई रोक के बाद शहर में जमकर बवाल और हंगामा हुआ था। जिसके बाद प्रशासन ने विसर्जन की बेहतर व्यवस्था के लिए गंगा सरोवरों का निर्माण कराया था। इनमें सीर व खिड़किया घाट पर बने गंगा सरोवरों में पिछले साल कई बड़ी दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ जबकि कई प्रतिमाएं शहर के कुंडों और तालाबों में विसर्जित की गई लेकिन इस बार लगता है प्रशासन विसर्जन काफी रिलेक्स मूड में है। क्योंकि पितृपक्ष शुरू हो चुका है और नवरात्र आने में महज क्भ् दिन ही बाकी हैं। इसके बाद भी प्रतिमा विसर्जन को लेकर अब तक कोई पुख्ता तैयारी नहीं की जा सकी है।

पिछले साल संतों की जिद पर प्रशासन ने गंगा किनारे ही दो गंगा सरोवरों का निर्माण कराया था। पहला सरोवर खिड़किया घाट पर बना था जबकि दूसरा सीर इलाके में। लाखों रुपये खर्च कर बनाये गए इन सरोवरों में मूर्तियों का विसर्जन प्रशासन ने उस वक्त तो करा दिया लेकिन इस साल इन दोनों सरोवरों पर एडमिनिस्ट्रेशन का अब तक कोई ध्यान ही नहीं है। ये हाल तब है जबकि पिछले दिनों वीआईपी मूवमेंट के चलते खिड़कियां घाट पर बने सरोवर को पाट दिया गया था। और सीर में बने सरोवर में गंदगी भरी होने के कारण उसका भी हाल बुरा है। ऐसे में इस साल दुर्गा प्रतिमाएं कहां विसर्जित की जायेंगी इसको लेकर प्रशासन ने अब तक कोई तैयारी नहीं की है।

हाईलाइट्स

- बनाये गए थे दो आर्टिफिशियल सरोवर

- पहला विश्व सुंदरी पुल के नीचे सीर में, दूसरा राजघाट पुल के पास खिड़किया घाट पर।

-सीर में बना सरोवर काफी बड़ा है इसकी तलहटी से चौड़ाई और लंबाई 70 बाई फ्भ् मीटर है।

- खिड़किया घाट पर बने तालाब की साइज फ्0 बाई ख्0 मीटर है।

- दोनों तालाबों की गहराई तीन मीटर है।

- दोनों सरोवरों के निर्माण में लगभग ख्0 लाख का खर्च गिरा था।

इस बार भी देवी नहीं, सिर्फ पंडाल के होंगे दर्शन

पिछले साल हुए उपद्रव व संतों पर लाठीचार्ज के बाद कई दुर्गा पूजा समितियों ने पंडालों में प्रतिमाओं की जगह सिर्फ कलश की स्थापना की थी। इस बार भी हाल कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है। खुफिया विभाग की तरफ से जुटाई गई डिटेल के मुताबिक इस बार अब तक चार क्लबों ने विरोध स्वरुप प्रतिमा की जगह सिर्फ कलश स्थापित करने फैसला किया है। इसमें हथुआ मार्केट यानि प्रीमियर ब्वॉयज क्लब, देवनाथपुरा स्थित गोल्डेन स्पोर्टिग क्लब, प्रहलादघाट स्थित मां दुर्गा स्पोर्टिग क्लब और दशाश्वमेध डेढ़ मल की गली स्थित न्यू इंडिया वॉयस क्लब शामिल हैं। ये क्लब भव्य पंडाल तो बनायेंगे लेकिन दर्शन के लिए देवी नहीं कलश होंगे।

प्रतिमा विसर्जन को लेकर प्लानिंग की जा रही है। जो भी फैसला होगा वो पूजा समितियों और मानिंद लोगों संग मिलकर लिया जायेगा।

विजय किरन आनंद, डीएम