-बिजली विभाग के अधिकारियों की नजर में स्मार्ट मीटर में नहीं है कोई बड़ी गड़बड़ी

-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बोले समस्या मीटर की नहीं बिजली चोरी करने वालों की है

स्मार्ट मीटर चोर उन्हें ही लगता होगा जो खुद बिजली चोरी करते रहे हैं। यह हम नहीं बल्कि बिजली विभाग के अधिकारी कह रहे हैं। स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं की शिकायत को लगातर पब्लिश करने के क्रम में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने बिजली विभाग के अधिकारियों से मीटर की गड़बड़ी के बारे जानना चाहा तो उन्होंने उसे क्लीन चिट दे दिया। कन्ज्यूमर कह रहे हैं कि स्मार्ट मीटर ज्यादा बिल बना रहा है, भार जंप कर रहा है, यूनिट बढ़ाकर उपभोक्ताओं को लूट रहा है। वहीं पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के आला अधिकारी इस बात को मानने को तैयार नहीं है। अधिकारियों का कहना हैं कि स्मार्ट मीटर में कही कोई गड़बड़ी नहीं है। बल्कि प्रॉब्लम उनको है जिनको बिजली चोरी और मीटर बाइपास करने की आदत बनी हुई है। यही लोग अन्य उपभोक्ताओं और मीडिया को गुमराह कर रहे हैं। स्मार्ट मीटर को लेकर रिपोर्टर का बिजली विभाग के अधिकारियों से हुआ सवाल-जवाब आप भी पढि़ए।

विजय पाल-एसई फ‌र्स्ट

सवाल - स्मार्ट मीटर में क्या समस्या है ?

जवाब

-कोई समस्या नहीं है। जिन लोगों में बिजली चोरी की आदत बनी हुई है उनके लिए स्मार्ट मीटर चोर है। दो कैंप में 300 से ज्यादा शिकायतें आई, जांच में मात्र एक में भार जंप की समस्या पाई गई। जिसका मीटर चेंज कराया गया।

सवाल- आप इस मीटर में क्या कमी देख रहे हैं?

जवाब -कहीं कोई कमी नहीं है, सिर्फ उपभोक्ताओं के मन का भ्रम है। उपभोक्ता ये भूल रहे हैं कि वर्तमान में उन्हें 24 घंटे बिजली मिल रही है। ऐसे में लोगों की खपत बढ़ गई है।

सवाल-क्या करें उपभोक्ता किसी समस्या से बचने के लिए

जवाब -उपभोक्ताओं को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहंी है। वे सिर्फ ये चेक करें कि स्मार्ट मीटर लगने से पहले उनके घर में क्या खपत थी और आज कितना है। कही-सुनी बातों पर यकीन न करें।

दीपक अग्रवाल, एसई-सेकेंड

सवाल-स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी कब दूर होगी?

जवाब-जब मीटर में कोई गड़बड़ी है ही नही तो दूर होने का प्रश्न ही नहीं। टेक्नोलॉजी से लैस है ये मीटर। वास्तव में जो मीटर खराब हैं उनकी संख्या मामूली सी है। फिलहाल .01 से .02 परसेंट तक ही समस्या सामने आई है वो भी सिर्फ भार जंप की।

सवाल-उपभोक्ता स्मार्ट मीटर क्यों? लगवाए

जवाब-इसमें नुकसान कम फायदा ज्यादा है। इसमें सही यूनिट रीडिंग, एकुरेट डिमांड, ऑन टाइम बिल के अलावा कई ऐसी व्यवस्थाएं है जिसे जान लेने के बाद लोगों की भ्रांतियां दूर हो जाएंगी।

सवाल-कैसे होगा उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान

जवाब -जिस भी उपभोक्ता को लग रहा है कि उसका मीटर जंप कर रहा है, या खपत से ज्यादा यूनिट का बिल आ रहा तो वे यूपीपीसीएल के एप को डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन कराएं। जहां से अपने मीटर और खपत की जानकारी ले सकेंगे। फिर शायद वो मीटर पर आरोप नहीं लगा सकेंगे।

डीके त्यागी-एसई, ग्रामीण

सवाल-

-अगर स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी नहीं है तो रोक क्यों लगी है?

जवाब-नए स्मार्ट मीटर न लगाने की वजह गड़बड़ी नहीं है। पिछले जन्माष्टमी के समय मीटर में साफ्टवेयर की जो समस्या आई थी, उसकी वजह से रोक लगाई गई है।

सवाल-इस स्मार्ट मीटर का कोई विकल्प है?

जवाब-स्मार्ट का अभी कोई विकल्प नहीं है। न ही उपभोक्ताओं को इससे छुटकारा पाने की जरूरत है। ये मीटर उपभोक्ताओं के बीच विभागीय पारदर्शिता लाने के लिए ही है। इस मीटर में कहीं कुछ भी हिडेन नहीं है। न गलत बिल बन सकता है और न गलत बनवा सकते हैं।

सवाल-क्या स्मार्ट मीटर बिजली चोरी को पर लगाम लगाने में सक्षम है?

-स्मार्ट मीटर बिजली चोरी पर लगाम लगान में पूरी तरह से सक्षम है। उपभोक्ता बेवजह मीटर को चोर कह रहे हैं। जो लोग पहले मीटर में खेल कराकर ज्यादा खपत में कम बिल भर रहे थे, उन्हे इस मीटर से ज्यादा समस्या आ रही है।

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9 महीने बाद भी नहीं रिपोर्ट

नौ माह पहले उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद ने अपने जांच में सिद्ध किया था कि स्मार्ट मीटर में कई गुना ज्यादा भार जंप हो रहा है। यही नहीं दिल्ली के लेब्रोटरी में भी यह मीटर भार जंपिंग के मानक में फेल हो चुका है। यह जानकारी जब ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को दी गई तो उन्होंने मामले की पूरी जांच की जिम्मेदारी नियामक आयोग को सौंपी। साथ ही आयोग को मीटर निर्माता कंपनी और इसे लगाने वाली एजेंसी ईईएसएल की जांच कर रिपोर्ट को यूपी पावर कॉरपोरेशन को सौंपने को कहा गया था, मगर अफसोस कि नौ माह बाद भी अभी तक इसकी रिपोर्ट कॉरपोरेशन को नहीं दी गई है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का आरोप है कि नियामक आयोग ईईएसएल और मीटर निर्माता कंपनी का पैरोकार बन रहा है। इससे यह सिद्ध हो रहा है कि प्रबंधन इन दोनों को बचाने का प्रयास कर रही है।