- हिंदू धर्म और प्राचीन विज्ञान पढ़ेंगे छात्र, विदेशी भी ले सकेंगे दाखिला

बीएचयू में अब भारत अध्ययन केंद्र वैदिक काल के व्यावहारिक विज्ञान और जीवन रहस्य को सामने लाएगा। इसमें तत्व विज्ञान (पांच तत्व से धरती का निर्माण), प्राचीन युद्ध कौशल, हिंदू केमेस्ट्री, सैन्य विज्ञान, कला, शास्त्रीय संगीत और नाटक की विधाएं सिखाई जाएंगी। इसके साथ ही रामायण, महाभारत, वेद, वेदांत, वेदांग, ज्ञान मीमांसा, भाषा विज्ञान, कालिदास, तुलसीदास, आर्य समाज, बुद्ध, जैन और स्वामी विवेकानंद के स्थापित जीवन सिद्धांतों और नियमों के अनुकूल छात्रों को शिक्षा दी जाएगी। भारत अध्ययन केंद्र अन्य विभागों से समन्वय कर छात्रों को हिंदू अध्ययन में पारंगत करेगा।

कला संकाय में शुरुआत

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रों को हिंदू धर्म के अध्ययन की शिक्षा दी जाएगी। इसकी शुरुआत कला संकाय के भारत अध्ययन केंद्र द्वारा की गई है। इसके तहत देश और दुनिया के छात्रों को हिंदुत्व की पुरातन विद्या, परंपरा, कौशल और धर्म-विज्ञान में पारंगत किया जाएगा। दो साल के इस कोर्स के लिए 40 सीटें हैं। ऑनलाइन फॉर्म 7 सितंबर तक भरा जाएगा। इसके लिए इंट्रेस एग्जाम तीन अक्टूबर को होगा, जिसमें हिंदू धर्म और शास्त्रों से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे।

हिंदू अध्ययन की शिक्षा मिलेगी

भारत अध्ययन केंद्र के चेयर प्रोफेसर राकेश उपाध्याय का दावा है कि बीएचयू देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां हिंदू अध्ययन की शिक्षा मिलेगी। इसके लिए विश्वविद्यालय में स्मार्ट क्लास बनाई गई है। इसमें गुरुकुल शिक्षा पद्धति भी दिखेगी और प्राचीन धर्म शास्त्र के व्यावहारिक पहलुओं का अध्ययन और प्रयोग भी होगा। अत्याधुनिक तकनीक के सहारे डिजिटल दुनिया के अन्य देशों के छात्र भी इस कोर्स में दाखिला ले सकेंगे।

भारत अध्ययन केंद्र के अलावा दर्शन शास्त्र विभाग हिंदुत्व का मर्म, उद्देश्य और रूपरेखा बताएगा। प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति विभाग सनातन काल से महान हिंदू सम्राटों द्वारा उपयोग किए जाने वाले उपकरणों, हथियारों, स्थापत्य कला और प्राचीन व्यापारिक गतिविधियों को पुरातावकि साक्ष्यों के आधार पर सिद्ध करेगा। संस्कृत विभाग श्लोकों के माध्यम से शास्त्रों और ग्रंथों के व्यावहारिक पक्षों की चर्चा करेगा।

प्रो। राकेश उपाध्याय ने बताया कि अभी तक भारत के किसी संस्थान में हिंदू स्टडीज को एकेडमिक स्वरूप नहीं दिया गया था। इसके पहले अमेरिका और यूरोप के एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन में हिंदू अध्ययन कोर्स में मास्टर डिग्री चलाई जाती थी। इस कोर्स में यह सिखाया जाएगा कि कैसे सभी भारतीय मत, पंथ और संप्रदाय दो हजार साल से आपस में एक सूत्र और एकता में बंधे हैं।

आवेदन आने शुरू

प्रो। उपाध्याय ने बताया कि दो साल की पढ़ाई के बाद देश भर के आध्यामिक स्थलों पर हिंदू गाइड, विदेशों में प्रोफेसर, धर्म उपदेशक और विभिन्न धाíमक और आध्यामिक संगठनों में हिंदू रिसर्च के क्षेत्र में बेहतर अवसर मिलेंगे। इस सत्र के लिए हिंदू स्टडीज में देश-विदेश से कई आवेदन आने शुरू हो गए हैं। विदेशों में इस कोर्स में एडमिशन लेने वालों की काफी मांग है।