वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी के यातायात को बेहतर और सुविधाजनक बनाने की दिशा में बड़े कदम उठाए जा रहे हैैं। इसी के तहत कोनियाघाट पुल का भी निर्माण किया गया। कोनिया घाट पुल बनाने में मोटी रकम 26.21 करोड़ रुपए खर्च की गई। इसमें पुल के साथ एप्रोच रोड, रोड की साइड वॉल, रेलिंग, स्ट्रीट लाइट समेत कई निर्माण कार्य होने हैैं। इसमें अभी पुल की सडक़ ही पूरी तरह से तैयार हो सकी है। इसमें भी पुल के नीचे लोहे की प्लेट बिछाकर रोड से जोड़ा गया है। अधिकांश काम भी आधे-अधूरे हैैं। वहीं एप्रोच रोड का काम शुरू तक नहीं हुआ है। इन कार्यों को पूरा करने में अभी कम से कम 15 दिन लगेंगे। इसके बावजूद कोनियाघाट पुल का उद्घाटन पीएम मोदी से करा दिया गया।

गलत तरीके से कर रहे काम
कोनियाघाट पुल को आनन-फानन में बना दिया गया, लेकिन इसके एप्रोच रोड को बनाया तक नहीं गया। हालत यह है कि इस रोड को बनाने में पहले इतनी जल्दबाजी दिखाई गई कि मिट्टïी भरने के दौरा हैैंडपंप को ही साथ में पाट दिया गया। इसे अब उसी हाल में छोड़ दिया गया है। एप्रोच रोड नहीं बनने तक कोनियाघाट पुल की राह आसान नहीं हो सकती है।

पुल की साइड वॉल भी अधूरी
कोनियाघाट पुल का निर्माण भी आधा-अधूरा है। पुल के दोनों ओर साइड वॉल बनानी है, जो अभी पूरी तरह से बनी नहीं है। इसका निर्माण कार्य अभी जारी है। जहां पर वॉल बन गई है, वहां पर पेंटिंग का काम भी अभी जारी है। इसमें भी अभी कई दिन लगेंगे।

अंधेरे में है पुल
पुल पर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम भी अधूरा पड़ा है। लाइट के खंभे तक नहीं लगे हैैं। ये काम अब भी जारी है। रोड के आगे मोटे इलेक्ट्रिक वायर पड़े हुए हैैं। ये दुर्घटना के कारण बन सकते हैैं। रात में ये सडक़ खतरे से खाली नहीं है। रोड निर्माण के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें काम कर रही हैैं।

लोहे की प्लेट से जोड़ा पुल
कोनियाघाट पुल के एक छोर पर निर्माण कार्य पूरी तरह अधूरा है। हालत यह है कि पुल को जोडऩे के लिए लोहे की प्लेट बिछाई गई हैैं, जिससे पुल पर लोगों को चढऩे में दिक्कत नहीं हो। इसी तरह रोड के दोनों साइड पर पाथ-वे या अन्य कार्य नहीं किए गए हैैं।