चलन है पुराना

ट्रेंस में विदाउट टिकट चलने का चलन नया नहीं बल्कि बहुत पुराना है। लंबे समय से टिकट बिना लिए बड़े पैमाने पर ट्रेंस में लोग खुलेआम जर्नी कर रहे हैं। इससे डेली लाखों रुपये का रेलवे को लॉस हो रहा है। जबकि इसको रोकने के लिए डिपार्टमेंट का पूरा अमला लगा हुआ है। टे्रन के बावजूद वाराणसी के विभिन्न स्टेशंस पर इसकी व्यवस्था की गयी है लेकिन कोई फायदा नहीं मिल रहा है। कहीं टीटीई तो कहीं जीआरपी व आरपीएफ के लोग इसमें लिप्त हैं। यही वजह है खुलेआम बिना टिकट लिए लोग जर्नी कर रहे हैं और लॉस डिपार्टमेंट को उठाना पड़ रहा है।

लोकल निशाने पर

हालाकि सभी ट्रेंस में डब्ल्यूटी चलने वाले शामिल होते हैं। लेकिन उनके निशाने पर लोकल ट्रेंस ही ज्यादा रहती हैं। वो छोटी दूरी की जर्नी बिना टिकट लिए ही पूरा करते हैं। ऐसा करने वालों की संख्या हजारों में है। सोर्सेस के मुताबिक कैंट स्टेशन को जोडऩे वाले आसपास के डिस्ट्रिक्ट गाजीपुर, मऊ, गोरखपुर, देवरिया, भदोही, जौनपुर, आजमगढ़, फैजाबाद, इलाहाबाद, लखनऊ, मुगलसराय व भभुआ से आने जाने वाली ट्रेंस के कोचेज में डेली हजारों लोग बिना टिकट लिए ही जर्नी करते हैं। इससे एक से दो लाख रुपये तक का लॉस होता है।

काश! डेली होती चेकिंग

कैंट स्टेशन पर बिना जर्नी करने वालों के खिलाफ दो दिन नॉर्दन रेलवे की ओर से ऑपरेशन किलेबंदी चलाया गया। 26 दिसंबर को सुबह छह बजे से लेकर 27 दिसंबर की शाम छह बजे तक यह कैंपेन चला। जिसमें स्टेशन के एंट्री पॉइंट्स पर चेकिंग स्टॉफ, आरपीएफ, जीआरपी व पीएसी ने किलाबंदी कर आने जाने वालों का टिकट चेक किया। इस बीच 1,614 लोगों को पकड़ा गया। इनसे 5,40,091 रुपये फाइन वसूला गया। कैंपेन में सीनियर डीसीएम एके श्रीवास्तव, आरपीएफ कमांडेंट पंकज गंगवार, सीएएम पंकज सक्सेना व एसीएम अमिताभ कुमार शामिल रहे।