-रेलवे डिपार्टमेंट को पेपरलेस बनाने की कवायद हुई तेज

-टीटीई को दिए जाएंगे टैबलेट, पैसेंजर्स को टिकट की जगह मोबाइल पर मिलेगा मैसेज

VARANASI

रेलवे ने पेपरलेस बनने की ओर कदम बढ़ा दिया है। इसके तहत टीटीई को जहां टैबलेट दिया जाएगा तो पैसेंजर्स को टिकट की जगह मोबाइल पर मैसेज दिखाना होगा। टीटीई अब चलती ट्रेन में भी पैसेंजर्स का स्टेटस टैबलेट के थ्रू चेक व अपडेट कर सकेंगे। रेलवे का रिजर्वेशन चार्ट भी जल्द ही ऑनलाइन हो जाएगा। इससे तो हर किसी का फायदा होगा। टीटीई चेकिंग और पैसेंजर्स टिकट भूलने की परेशानी से बच सकेंगे। रेलवे का पेपर में होने वाला खर्च भी बचेगा। हालांकि रेलवे पहले ही पैसेंजर्स को ई-टिकट की सुविधा दे चुका है। इसके तहत पैसेंजर्स खुद प्रिंटआउट लेकर या अपने मोबाइल में ई-टिकट दिखाकर जर्नी कर सकते हैं।

टिकट चेकिंग थ्रू टैबलेट

अब तक ट्रेन में जर्नी के दौरान पैसेंजर्स का टिकट टीटीई अपने चार्ट से चेक करते थे। लेकिन जल्द ही टीटीई टैबलेट के थ्रू पैसेंजर्स के टिकट को चेक करेंगे। इसमें वह हमेशा डिपार्टमेंट से ऑनलाइन कनेक्ट रहेंगे, ताकि उन्हें रिजर्वेशन के साथ कैंसिलेशन का भी अपडेट मिलता रहे। इससे उन्हें पैसेंजर्स को सीट अलॉट करने में परेशानी नहीं होगी। वहीं पेपर में चेक और अलाट करने में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस नए सिस्टम के होने से उन्हें टैब में ही सारी जानकारी अवेलेबल होगी।

बचेगा लाखों रुपये का कागज

अकेले एनईआर व एनआर में हर महीने टिकट रिजर्वेशन व चार्ट निकालने में आठ से दस लाख रुपए का कागज आदि खर्च होता है। रेलवे की इस नई पहल से एनईआर व एनआर को सालाना लाखों रुपए की बचत होगी। यदि यही सिस्टम पूरे रेलवे में लागू हो जाए तो भारतीय रेल को करोड़ों रुपये का सालाना फायदा होगा। हालांकि इसकी शुरुआत हो चुकी है।

तब नहीं चिपकाना होगा चार्ट

रेलवे की इस नयी पहल से रिजर्वेशन चार्ट ऑनलाइन हो जाएगा। लोगों को रिजर्वेशन का स्टेटस स्क्रीन पर दिखेगा। इस सुविधा के स्टार्ट होने से रेलवे को काफी मुनाफा होगा। खास बात यह कि अलग-अलग ट्रेनों का चार्ट चिपकाने से भी मुक्ति मिल जाएगी। ट्रेंस में पेपर के चार्ट की जगह डिजीटल चार्ट होगा। इससे पैसेंजर्स को अपना रिजर्वेशन स्टेटस देखने के लिए ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी।

नए सिस्टम के लिए टेंडर हो गया है। अगले महीने से पैसेंजर्स को इस सुविधा का बेनेफिट मिलने लगेगा। इससे पैसेंजर्स के साथ ही रेलवे को भी बड़ा फायदा होगा।

नीरज शर्मा, सीपीआरओ

नादर्न रेलवे