सुबह से शुरू हो गयी थी तैयारी

श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के संन्यासियों का जत्था कुंभ क्षेत्र में प्रवास के बाद 18 फरवरी को इलाहाबाद से विदा हुआ था। बुधवार को नगर की सीमा पर पड़ाव डाला। इनका तम्बू-कनात डाफी स्थित पांडेय लॉन में तना। गुरुवार को नगर पेशवाई के लिए सुबह से ही तैयारी शुरू हो गयी। गेरुआ लपेटे साधु-संतों ने खुद को फूल-मालाओं से सजाया। वहीं नागा ने भस्म-भभूत से शृंगार किया और आभूषण के रूप में रुद्राक्ष धारण किया। हाथी और घोड़ों को सजाया गया। पेशवाई में शामिल होने वाले वाहनों को मालाओं से करीने से सजाया गया था। टै्रक्टर पर रजत पालकियां रखी गयीं। साधु-संतों ने खिचड़ी का भोग लगाया। अखाड़ा के राष्ट्रीय महंत सोहन गिरी, श्रीमहंत भगवत गिरी, श्रीमहंत उमाशंकर भारती, महेंद्र गिरी, महामंत्री में श्रीहरि गिरी, श्रीमहंत प्रेम पुरी, विद्यानंद सरस्वती, रमता पंच के श्रीमहंत हरिहरानंद भारती, हरिदेव गिरी, केदार पुरी, पृथ्वी गिरी, अष्टकौशल सुरेशानंद सरस्वती, हरेराम गिरी, बलराम गिरी और विशिष्ट संत रजत पालकी पर विराजमान हुए। नागा संन्यासी हाथी-घोड़ों पर सवार हुए। सैकड़ों पैदल तो दर्जनों वाहनों में बैठे और अद्भुत और अलौकिक जुलूस नगर की ओर बढ़ चला।

हजारों नजरों ने देखा यह नजारा

एक साथ इतनी संख्या में साधु-संत और उनकी भव्य नगर प्रवेश देखने के लिए हजारों लोग रोड साइड में मौजूद रहे। पूरे रास्ते हर-हर महादेव का नारा लगता रहा। श्रद्धालु साधु-संतों की सेवा को भी आतुर दिखे। साधु-संतों ने भी दिल खोलकर आशीर्वाद बांटा। कई जगह फूलों की बरसात हुई तो कई जगह आरती उतारी गयी। दोपहर बाद धीरे-धीरे पेशवाई भगवानपुर, नगवा, संत रविदास गेट, चेतमणि चौराहा, खोजवां, विनायका होते पंच दशनाम जूना अखाड़ा के रमता पंच छावनी जपेश्वर मठ पहुंची।

पुलिस और प्रशासन रहा चुस्त

पेशवाई के दौरान पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा। एसपी टै्रफिक जीएन खन्ना, एसपी सिटी संतोष सिंह, एडीएम सिटी एमपी सिंह व्यवस्था के लिए हर वक्त मौजूद रहे। इनके साथ पीएसी, चार थानों की पुलिस भारी संख्या में नागरिक सुरक्षा के लोग भी रहे। रास्ते की लगातार साफ-सफाई होती रही। झाड़ू लगाने से लेकर कूड़ा उठाने का क्रम चलता रहा। पूरे रास्ते में चूने का छिड़काव हुआ।