- फर्जी डिग्री मामले में court ने अंतरिम जमानत देने से किया इंकार

- नियमित जमानत पर सुनवाई के लिए 13 फरवरी की तिथि नियत

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विशिष्ट बीटीसी 2004 में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर टीचर की नौकरी पाने के मामले में अदालत ने आरोपी ज्ञानचंद सोनकर की अंतरिम जमानत खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। अपर जिला जज (एकादश) रमेश कुमार की अदालत ने नियमित जमानत पर सुनवाई के लिए 13 फरवरी की तिथि नियत की है। आरोपी ज्ञानचंद सपा नेता व जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर के पिता हैं।

जांच में हुआ खुलासा

अभियोजन पक्ष के अनुसार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 11 अप्रैल 2013 को कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि 2004 के विशिष्ट बीटीसी में चयनित अभ्यर्थियों के अंक पत्रों व प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई, जिसमें ज्ञानचंद सोनकर समेत 23 लोगों की बीएड की डिग्री फर्जी पाई गई। इस पर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा इन आरोपियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज के आधार पर धोखाधड़ी कर नौकरी पाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

HC ने कहा था करो surrender

हाइकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए आरोपी को जिला न्यायालय में सरेंडर करने का आदेश दिया था। इस आदेश पर आरोपी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में गत आठ फरवरी को समर्पण किया था। आरोपी की ओर से अंतरिम जमानत देने की अदालत से गुहार लगाई गई थी। प्रभारी सत्र न्यायाधीश ने अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर जेल भेज दिया था। इस मामले में गुरुवार को नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी थी लेकिन मुकदमे से संबंधित पत्रावली प्रस्तुत करने के लिए अभियोजन पक्ष द्वारा समय मांगा गया। जिस पर अदालत ने अगली सुनवाई के लिए क्फ् फरवरी की तिथि तय की।