वाराणसी (ब्यूरो)काशी ङ्क्षहदू विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान संकाय के सहायक प्रोफेसर मनोज कुमार वर्मा का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया हैमूलत: चंदौली जनपद के चकिया तहसील अंतर्गत ग्राम गरला निवासी मनोज कुमार वर्मा ने पिछड़े वर्ग के अंतर्गत कहार जाति का होते हुए सोनभद्र जनपद के राबट््र्सगंज तहसील के बैनी गांव से अनुसूचित जनजाति खरवार का प्रमाण पत्र बनवाया था

दो वीडीओ हुए सस्पेंड

इस संबंध में चंदौली जनपद के चतुर्भजपुर सकलडीहा निवासी अनंत नारायण मिश्र ने सोनभद्र जनपद में शिकायत की थीजिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय समिति ने वर्ष 1994 में बने इस प्रमाण पत्र को जांचोपरांत फर्जी पायाजांच समिति ने जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया हैचंदौली में हुई जांच में कूट रचना में सहभागी मानते हुए दो ग्राम पंचायत अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया हैसोनभद्र की जांच समिति का यह आदेश 21 अप्रैल को आया है

अब खतरे में नौकरी

जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद मनोज कुमार की नौकरी पर तलवार लटकने लगी है, फिलहाल बीएचयू प्रशासन इस प्रकार की किसी भी जानकारी से इन्कार कर रहा है, लेकिन आधिकारिक तौर पर पत्र पहुंचने के बाद कार्रवाई होनी तय मानी जा रही हैफर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाने के बाद मनोज ने ग्राम पंचायत अधिकारियों से मिलकर चंदौली के परिवार रजिस्टर में से अपने परिवार का पन्ना ही फड़वा दिया थाजबकि मनोज के पिता कन्हैया प्रसाद मीरजापुर जनपद में जिला सहकारी बैंक में कार्यरत थे, वहां उनकी जाति कहार ही दर्ज थी.