-कैंट स्टेशन यार्ड की री-मॉडलिंग का आठ महीने बाद शुरू होगा काम

-रेलवे बोर्ड के मेंबर इंजीनिय¨रग वीके गुप्ता ने कैंट स्टेशन का किया इंस्पेक्शन

VARANASI: लंबे समय से कैंट स्टेशन के आउटर पर ट्रेन्स में झेलने से मुक्ति पाने की आस लगाए पैसेंजर्स को अभी कुछ माह और इंतजार करना होगा। यार्ड के री-मॉडलिंग का वर्क स्टार्ट होने में कम से कम आठ महीने और लगेगा। छह माह में ये काम पूरा होगा। उसके बाद ही मंडुआडीह, लोहता, शिवपुर, काशी व वाराणसी सिटी से आने वाली ट्रेन्स कैंट स्टेशन पर बिना रुके पहुंच सकेंगी। यानी आउटर पर इंतजार करने से छुटकारा मिल जाएगा। यह कहना है रेलवे बोर्ड के मेंबर इंजीनिय¨रग वीके गुप्ता का। वह रविवार को नई दिल्ली से एक दिवसीय दौरे पर बनारस आए थे। उन्होंने कहा कि मंडुआडीह, वाराणसी सिटी, इलाहाबाद के प्रयाग व इदारत गंज को सैटेलाइट यानी टर्मिनल स्टेशन के रूप में डेवलप किया जा रहा है। इसका लाभ यह होगा कि बड़े स्टेशंस पर ट्रेन्स का प्रेशर कम होगा।

मंडुआडीह में सेकेंड एंट्री जल्द

मंडुआडीह स्टेशन का भी विस्तार होना है। इसके लिए नए प्लेटफॉ‌र्म्स समेत सेकेंड एंट्री के लिए काम भी स्टार्ट होगा। इसका इनॉगरेशन जल्द ही होगा। यह जानकारी भी वीके गुप्ता ने दी। बताया कि कैंट स्टेशन पर डेवलपमेंट के जितने भी कार्य चल रहे हैं उनकी गुणवत्ता की मॉनिटरिंग डीआरएम करेंगे।

मंडुआडीह का भी देखा हाल

मेंबर इंजीनिय¨रग इलाहाबाद सिटी स्टेशन से विंडो इंस्पेक्शन करते हुए रविवार की सुबह क्क्.ब्भ् बजे मंडुआडीह स्टेशन पहुंचे। इसके बाद मंडुआडीह, वाराणसी सिटी व कैंट स्टेशन का इंस्पेक्शन भी किया। साथ ही रेल ऑफिसर्स व इंजीनियर्स से योजनाओं के बाबत चर्चा भी की। इस दौरान लखनऊ डिवीजन के डीआरएम एके लाहोटी, वाराणसी डिवीजन के डीआरएम एसके कश्यप, सीनियर डीसीएम अश्रि्वनी श्रीवास्तव, सीएएम रवि प्रकाश चतुर्वेदी, एसके पाल व डॉ। महेंद्र चौधरी प्रेजेंट रहे।