राजघाट पुल पर हादसे का शिकार हुए अशोक बेटी का तिलक चढ़ाने की कर रहे थे तैयारी

VARANASI

कज्जाकपुरा का एक घर जहां हर खुशी का बसेरा रहता था वहां रविवार को मरघट का सन्नाटा पसरा था। कभी किसी के दहाड़ों की आवाज इस सन्नाटे को तोड़ने की कोशिश करती लेकिन कुछ ही देर में फिर से सन्नाटा हावी हो जाता। जी हां, यह घर उस बाप अशोक कुमार का था जो अपनी दुलारी की शादी की तैयारियों में लगा हुआ था। पर उसे यह नहीं पता था कि बेटी की शादी का ख्वाब काल का क्रूर पंजा उससे छीन लेगा। अशोक कुमार की मौत शनिवार को राजघाट पुल पर मची भगदड़ में हो गयी थी। परिजनों ने बताया कि वह आज बिटिया का तिलक लेकर मुगलसराय जाने वाले थे लेकिन उनकी अर्थी निकली। परिजनों ने बताया कि अशोक कुमार की पड़ाव में सीट कवर बनाने की दुकान है। शनिवार की सुबह वह घर से मुगलसराय जाने के लिए निकले थे। उनके पास ख्भ् हजार रुपये भी थे। उन्हें बेटी का तिलक चढ़ाने जाना था। पर इससे पहले ही उनकी मौत हो गयी। काफी तलाश करने के बाद पोस्टमार्टम हाउस में उनकी लाश मिली। सुबह परिजनों ने मणिकर्णिका घाट पर अशोक का अंतिम संस्कार कर दिया।