- कोर्ट में पेशी के बाद एआरटीओ बगैर पुलिस के अकेले निकला बाहर, आस-पास नहीं था कोई भी पुलिस वाला

- विशेष न्यायाधीश की अदालत में पुलिस ने पेश

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भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े गए चंदौली के निलंबित एआरटीओ आरएस यादव पर भले ही कोर्ट सख्त दिख रहा हो और शुक्रवार को पेशी के दौरान उसपर धारा भी बढ़ गई हो लेकिन पुलिस को सॉफ्ट कार्नर आरोपी एआरटीओ के प्रति साफ दिख रहा है। तभी तो शुक्रवार को कोर्ट में पेशी के बाद जेल जाते वक्त आरएस न सिर्फ कोर्ट कैंपस से बगैर पुलिस के अकेले बाहर निकला बल्कि बगैर किसी पुलिस वाले के कस्टडी में लिए बिना ही आजाद दिखा। ऐसा क्यों हुआ ये तो नहीं पता लेकिन पुलिस के इस ट्रीटमेंट ने ये सवाल जरुर उठा दिया है कि क्या भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े जाने पर आरोपी इस तरह के ट्रीटमेंट पाये जाने का अधिकारी है?

नहीं मिलेगी जमानत

विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण जितेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने एआरटीओ के चालक शिवबहादुर और मौके से गिरफ्तार आरोपी धनजी यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि आपराधिक साजिश के तहत की जाने वाली वसूली गंभीर अपराध है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी प्राथमिकी में नामजद है आरोपी को और एआरटीओ के सरकारी चालक को सीओ सदर चंदौली द्वारा पीडि़त से वसूली और छिनैती करते रंगे हाथ पकड़ा गया है, विवेचना जारी है, कई गवाहों ने घटना के समर्थन में आरोपी के खिलाफ बयान दिया है। ऐसे में जमानत दिए जाने का कोई आधार नहीं है।

अब ही आरएस साहब

आरएस यादव का पेशी पर वीआईपी की तरह आना पुलिस पर सवाल खड़े कर रहा है। शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) की कोर्ट में पेशी के लिए पुलिस आरएस को लेकर दूसरे सामान्य बंदियों की तरह प्रिजन वैन से नहीं बल्कि अलग से स्पेशल वाहन से लाई थी। पिछली सुनवाई के दौरान तो पुलिस ने नीली बत्ती लगी कार से जेल से अदालत में पेश किया था। अदालत परिसर में आरएस यादव के हावभाव देखकर नहीं लग रहा था कि उसपर इतने गंभीर आरोप हैं। हाल ये था कि उसका हाथ तक किसी पुलिसकर्मी ने पकड़ने की हिम्मत नहीं दिखाई। अदालत में पेशी के दौरान धारा 411 में न्यायिक रिमांड बनाने के बाद आरएस यादव को वापस जेल भेज दिया गया।