आई एक्सक्लूसिव

-सपा पर मंगल की महादशा का है प्रभाव, 25 फरवरी के बाद से सामान्य हो सकते हैं हालात

-ज्योतिष गणनाएं सपा की कुंडली में मान रही हैं दोष

VARANASI

समाजवादी पार्टी में मचा घमासान अभी शांत होने वाला नहीं है। हाल फिलहाल पिता-पुत्र में बढ़ी दूरियों की खाई पटने वाली नहीं है। यह हम नहीं बल्कि सपा की ज्योतिष गणनाएं इस ओर संकेत कर रही हैं। मंगल-बुध ग्रहों की चाल ने साइकिल की चाल को बेचाल कर दिया है। यही कारण है कि समाजवादी पार्टी में उठा-पठक मची हुई है। वृश्चिक लग्न धनु राशि में स्थापित है जिससे समाजवादी पार्टी की कुंडली में वर्तमान समय में मंगल की महादशा चल रही है। हालांकि मंगल की महादशा में बुध का अंतर पिता-पुत्र को एक बार फिर मंच पर लाकर खड़ा कर सकता है।

साढ़े साती भी ढा रही सितम

ज्योतिषियों की मानें तो समाजवादी पार्टी की कुंडली में वर्चस्व की कंडीशन पैदा करने वाले अष्टमेष बुध की अंतरदशा फरवरी ख्0क्म् से शुरू हुई तो वहीं मंगल की महादशा भी मंगल के अष्टम में बैठने से मंगल-बुध दोनों अष्टम भाव को प्रभावित कर रहे हैं। जिसके चलते सपा में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। वहीं सपा की धनु राशि होने से शनि की चढ़ती साढ़े साती का भी दुष्प्रभाव पार्टी में देखने को मिल रहा है।

केतु होगा सुखद

ज्योतिष मानते हैं कि ख्भ् जनवरी के बाद शनि की मध्य साढ़े साती और मंगल की महादशा में बुध के अंतर बाद ही समाजवादी पार्टी में सकारात्मक परिणाम नजर आने लगेंगे। बरलहाल, देखा जाए तो बुध के बाद मंगल के दशा में केतु का अंतर फिर से समाजवादियों को एक मंच पर लाकर खड़ा कर देगा। बृहस्पति का शुभ या अशुभ फल केतु देने वाला होता है। कुंडली में बृहस्पति पंचमेष है। अत: केतु के आते ही फिर सपा में नया संचार देखने को मिलेगा।

फिर से बनेंगे मुलायम 'मुखिया'

वर्तमान में कर्क लग्न मीन राशि में जन्मे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की कुंडली में मंगल की महादशा चल रही है। राहु की दशा आते ही सपा सुप्रीमो के मुखिया बनने का योग है।

क्या है मंगल ग्रह

मंगल का नवग्रह मंडल की देवताओं में सेनापति के रुप में मान्यता है। मंगल नेतृत्व ओज तेज का कारक है।

क्या है बुध ग्रह

ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को युवराज (राजकुमार) माना जाता है। यह प्रबल रुप से वाणी का कारण है।

सपा की कुंडली में वर्तमान समय में मंगल की महादशा चल रही है। मंगल की महादशा में बुध का अंतर ख्भ् फरवरी ख्0क्म् से ही शुरू है जो ख्ख् फरवरी ख्0क्7 के बाद पिता-पुत्र को एक बार फिर मंच पर लाकर खड़ा कर देगा।

आचार्य पं। ऋषि द्विवेदी

प्रख्यात ज्योतिषाचार्य व सदस्य श्री काशी विश्वनाथ कार्यपालक समिति