-सीर में पीएम के आगमन के मद्देनजर तैयारियां जोर शोर से जारी, रंग रोगन से लेकर साफ सफाई पर जोर

-संत रविदास जयंती पर 50 से अधिक पडालों में 20 लाख से ज्यादा लोगों के रुकने की हो रही है व्यवस्था

VARANASI

शहर के एक छोर पर बसा छोटा सा गांव सीर एक बार फिर से सज संवर रहा है। तैयारियां इस बार ज्यादा जोर शोर से चल रही हैं। दीवारों से लेकर मंदिर और मैदान तक सब कुछ चमकाया जा रहा है। ये तैयारी संत रविदास के दर्शन की आस में देश विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए चल रही है। इस बार मौका इसलिए भी खास है क्योंकि पहली बार यहां देश के पीएम आने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ख्ख् फरवरी के आगमन को लेकर यहां इस बार कई एक्स्ट्रा तैयारी की जा रही हैं।

शुरू हो गई जुटान

सीर में भक्तों की जुटान शुरू हो गई है। संत रविदास मंदिर की दीवारों को जहां रंग रोगन कर चमकाया जा रहा है वहीं ट्रस्ट के धर्मशाला को भी संवारा जा रहा है। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले लोगों के मद्देनजर टेंट-कनात आदि से लेकर दूसरी सारी तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। इस बार पीएम मोदी के आने के कारण ख्0 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के यहां जुटने के आसार हैं। महंत मंदीप के मुताबिक पिछले साल की तुलना में अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। पिछली बार क्भ् से क्8 लाख लोगों ने गुरु दरबार में हाजिरी लगायी थी। इस बार उनकी संख्या ख्0 लाख से अधिक होने का अनुमान है।

पांच हजार से अधिक सेवादार

-श्रद्धालुओं में इंडिया के अलावा अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, इटली, स्पेन, हॉलैंड आदि देशों के श्रद्धालु गुरुचरणों में मत्था टेकने आ रहे हैं।

-ट्रस्ट की ओर से ख्0 लाख से ज्यादा लोगों के खाने पीने की व्यवस्था की गयी है।

-पूरी व्यवस्था के संचालन की जिम्मेदारी पांच हजार से अधिक सेवादारों के हाथों में होगी।

- कुछ सेवादार सीर गांव पहुंच भी गये हैं।

-आने वाले श्रद्धालुओं के रहने से लेकर खाने तक के इंतजाम किये गये हैं।

- ट्रस्ट की ओर से लगातार पांच दिन तक लंगर का आयोजन किया जायेगा। - अलग अलग पंडालों में एक समय में क्भ् हजार से अधिक लोगों के एक साथ बैठकर खाने का इंतजाम किया गया है।

- खाने पीने का सारा सामान पंजाब से आ रहा है।

- इसमें चावल, दाल से लेकर नमक, मसाला, सब्जियां तक शामिल हैं।

- मंदिर ट्रस्ट ने ख्भ्0 क्विंटल गेहूं, डेढ़ सौ क्विंटल चावल आदि का रिजर्व स्टॉक कर रखा है।

- इसके अलावा श्रद्धालु भी अपने साथ खाने पीने की चीजें लेकर आते हैं।