-बीएचयू ¨हदी विभाग के प्रो। शुक्ला ने सपा नेता के बयान को किया खारिज

-कहा, रविदास के जन्म स्थान को मंडुवाडीह बताना लोगों को दिग्भ्रमित किए जाने से ज्यादा और कुछ नहीं

VARANASI

संत रविदास की जन्मस्थली को लेकर सपा नेता शतरूद्र प्रकाश द्वारा दिए गए बयान का बीएचयू ¨हदी डिपार्टमेंट के प्रो। श्रीप्रकाश शुक्ला ने खारिज किया है। कहा कि नेता द्वारा रविदास के जन्म स्थान को मंडुवाडीह बताना लोगों को दिग्भ्रमित किए जाने से ज्यादा और कुछ नहीं है। प्रो। शुक्ला के अनुसार संत साहित्य के मर्मज्ञ प्रो। शुकदेव सिंह ने अपनी पुस्तक 'रैदास बानी' में रविदास के मंडूर जन्मस्थान की जो व्याख्या की है, वह वहां के पहारूवीर की परंपरा में वीरों के क्षेत्र के होने की है।

तर्क प्रमाणित नहीं

बताया कि सीरगोवर्धनपुर में ही लौटूबीर, अकेलाबीर जैसे वीरों की उपस्थिति पहले से ही मौजूद रही है। इस रूप में यदि वीरों के क्षेत्र को ही प्रमाण माना जाय तो रविदास सीर में ही पैदा हुए थे। दूसरी बात 'मांडूर नगर लीन अवतारा, रविदास शुभ नाथ हमारा' की जिन पंक्तियों को आधार बनाकर विद्वान राजनेता ने मंडूर में जन्म लेने का जो तर्क दिया है, वह प्रमाणिक नहीं है। इस पर गिरिजा शंकर मिश्र ने क्98क् में टिप्पणी भी लिखी है। स्वयं रविदास के पदों के सबसे प्रमाणिक व आरंभिक स्त्रोत 'गुरु ग्रंथ साहिब' क्म्0ब् में रविदास से जुड़े जो ब्0 पद संकलित किए हैं उसमें मांडूर शब्द नहीं आता। ऐसे में यह स्पष्ट है कि मांडूर की व्याख्या दूर की कौड़ी है। इसे राजस्थान के मेवाड़ के नजदीक मंडवगढ़ से जोड़कर भी देखा जाता है, जिसका जिक्र मीरा पर प्रकाशित माधव हाडा की पुस्तक 'पचरंग चोला पहन सखी री' में है। प्रो। शुक्ला ने दावा किया कि सीरगोवर्धनपुर ही रविदास की जन्मस्थली है। बताया कि पंजाब के संत सरवणदास ने क्9म्भ् में सीर में आकर रविदास जी के जन्मस्थान को गौरव बनाया था।