-शहर में चल रहा टैक्स चोरी का बड़ा खेल

-अंडर बिलिंग के जरिए राजस्व की क्षति कर रहे शातिर

-ई-वे बिल में माल का रेट कम दिखाकर हो रहा खेल

VARANASI

'तू डाल-डाल तो मैं पात-पात' यह कहावत वाणिज्य कर विभाग पर सटीक बैठता है। कारोबार में टैक्स चोरी सहित अन्य गड़बड़ी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू किया था। कारोबारियों ने इसका काट भी ढूंढ़ निकाला। ई-वे बिल को आधा बनवाकर माल पूरा मंगा रहे और बिल अधूरा दिखा रहे। जीएसटी लागू हुए आठ माह बीत जाने के बाद भी राजस्व उतना जमा नहीं हुआ जितने की उम्मीद थी। इससे चिंतित वाणिज्यकर विभाग विभाग ने वजह तलाशने की कोशिश की तो टैक्स चोरी का बड़ा खेल पकड़ में आया। करापवंचन पर अंकुश लगाने के लिए वाणिज्यकर अधिकारियों की टीम गठित है मगर, कुछ ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वजह साफ है अंडर बिलिंग का यह खेल बिना विभाग के मिलीभगत के नहीं चल सकता है। इस खेल में बनारस डिविजन में डेली लाखों की कर चोरी हो रही है।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

रेलवे से रोजाना लाखों का माल बनारस पहुंचता है। हाल ही में जीएसटी काउंसिल ने रेलवे से माल लाने और ले जाने पर ई वे बिल लागू किया। इस पर रेलवे से माल की तस्करी करने वालों को झटका लगा था। लेकिन टैक्स चोरी करने वालों ने जल्द ही रास्ता तलाश लिया। अब दिल्ली, कोलकाता, मुंबई से आने वाले माल का ई वे बिल साथ में आ रहा है लेकिन इस बिल में वस्तुओं की कीमतें आधी से भी कम दिखाई जा रही है। जांच-पड़ताल में खेल पकड़ा गया तो अब वाणिज्य कर विभाग ने जांच बिठा दिया है। दोषियों पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई भी तय है।

ऐसे करते हैं टैक्स चोरी

-एक शर्ट अगर 800 रुपये की है तो उसका बिल 300 रुपये का बनता है।

-800 रुपये की शर्ट पर टैक्स 40 रुपये बनता है।

-300 रुपये पर टैक्स 15 रुपये है। -इस तरह 25 रुपये टैक्स की चोरी हुई।

कैंट रेलवे स्टेशन व ट्रांसपोर्ट कंपनियों से दिल्ली, मुंबई, कोलकता आदि स्थानों से प्रतिदिन पांच करोड़ से अधिक के माल की आवक है।

-अंडर बिलिंग में रोजाना लाखों की टैक्स चोरी हो रही है।

मजबूत है साठगांठ

रेलवे से माल मंगवाकर टैक्स चोरी करने वालों की विभागीय अधिकारियों से भी साठगांठ होती है। बिल चेक कर औपचारिकता पूरी कर दी जाती है। हाल ही में एक आलाधिकारी ने इस तरह के खेल को पकड़ा है। आने वाले कुछ ही दिनों में इस खेल में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों को बेपर्दा करने की तैयारी है।

बाहर से आने वाली प्रत्येक वस्तुओं की जांच की जाती है। अंडर बिलिंग की शिकायत की जांच की जाएगी। यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता पाई गयी तो कार्रवाई तय है। राजस्व का नुकसान करने वाले बच नहीं पाएंगे।

एके गोयल

एडिशनल कमिश्नर (ग्रेड-वन)

एक नजर

5

करोड़ की होती है बनारस में डेली माल की आवक

50-60

लाख की डेली हो रही है टैक्स चोरी

2500

से अधिक कारोबारी हैं वाणिज्य कर विभाग के निशाने पर