-प्रदेश के कृषिमंत्री ने कहा, फसल की सुरक्षा को लेकर गंभीर है सरकार

-बताया, प्रदेश में कम्बाइन हार्वेस्टिंग का प्रवेश है प्रतिबंधित

VARANASI

गेहूं की फसल में आग नहीं लगे, इसकी रोकथाम के लिए सेटलाइट का सहारा लेंगे। जिले के अफसरों को भी सक्रिय किया है। यह बातें रविवार को प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहीं। सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एप के जरिए किसानों को कृषि की जानकारी मिलेगी। मृदा जांच प्रयोगशाला प्रदेश में फ्0 हैं, इन्हें विस्तार दिया जाएगा। हर जिले में प्रयोगशाला खोलेंगे। वर्ष ख्0क्9 तक प्रत्येक किसान के पास मृदा हेल्थ कार्ड होगा ताकि वर्ष ख्0ख्ख् तक किसानों का उत्पाद दोगुना हो जाएगा।

तय हुआ समर्थन मूल्य

कृषि मंत्री ने कहा कि गेहूं का समर्थन मूल्य क्,म्ख्भ् रुपये तय किया गया है। वहीं गेहूं क्रय का लक्ष्य भी दोगुना कर 80 मीट्रिक टन कर दिया है। भंडारण की व्यवस्था हो रही है। सब्सिडी का पैसा सीधे किसानों के खाते में जाएगा। उन्होंने कहा कि उप्र में कम्बाइन हार्वेस्टिंग का प्रवेश प्रतिबंधित है। इसके इस्तेमाल पर कार्रवाई होगी। क्योंकि इस मशीन से गेहूं की कटान पर ठूंठ खेतों में बच जाता है जिसे किसान जला देते हैं जिससे निकलने वाला धुआं प्रदूषण फैलाता है और धुंध छा जाती है। इतना ही नहीं आग लगाने से मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होती है क्योंकि उर्वरक बढ़ाने वाले कीट मर जाते हैं। स्पष्ट किया कि कम्बाइन हार्वेस्टिंग मशीन का इस्तेमाल करना है तो उसमें स्ट्रा रीपर विद बाइन्डर लगाना होगा। इससे गेहूं की फली के साथ ठूंठ की कटाई भी हो जाती है। इससे दोहरा लाभ होता है। ठूंठ को जलाना नहीं होता है और इसकी थ्रेसरिंग के बाद जो भूसा निकलता है वह पशुओं के लिए चारा होता है। कृषि मंत्री ने कहा कि फसली ऋण माफी की कार्यवाही हो रही है। मंत्रीमंडल की बैठक के बाद जल्द निर्णय होगा।