--i next के हे मां कैंपेन के अंतिम दिन आयोजित हुआ ग्रुप डिस्कशन

-शहर के प्रतिष्ठित लोगों ने सिंगल गर्ल पर रखे अपने विचार

VARANASI

आज बेटी को बचाने, उसे पढ़ा लिखाकर योग्य बनाने के साथ ही अपनाने की भी जरूरत है। ये बातें बुधवार को आई नेक्स्ट की ओर से शारदीय नवरात्र के दौरान सिंगल गर्ल चाइल्ड को लेकर चलाए गए कैंपेन हे मां के पूरा होने के बाद आयोजित ग्रुप डिस्कशन में शामिल गेस्ट्स ने कही। सभी ने एक सुर में आई नेक्स्ट के इस कैंपेन को सराहते हुए कहा कि जरूरत है समाज से पहले खुद के घर से बेटी को आगे बढ़ाने और अपनाने की। ताकि इस मुहिम को मुकाम मिल सके।

न हो अंतर

आई नेक्स्ट के कैंपेन हे मां को लेकर आयोजित गु्रप डिस्कशन में शहर के फेमस कोचिंग इंस्टीट्यूट संकल्प ट्यूटोरियल्स के ओनर अशोक चौरसिया, समाज सेवी डॉ। उत्तम ओझा, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ पत्रकारिता विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। रमेश सिंह व युवा सपा नेता संदीप मिश्र ने अपनी बातें बड़ी बेबाकी से रखीं। सिंगल गर्ल चाइल्ड मुद्दे पर सभी ने कहा कि बेटी सौभाग्य से और बेटा भाग्य से मिलता है। इसलिए सभी लोगों को अपने घर से बेटी में अंतर खत्म करना होगा। जब तक यह नहीं होगा समाज में बेटियों का सम्मान नहीं बढ़ेगा।

नारी को शास्त्रों में भी देवी का दर्जा दिया गया है। इसलिए भाग्यशाली हैं वो जिनको सिर्फ बेटी है। जरूरी है बेटियों को सही दिशा में आगे बढ़ाने की। ताकि बेटी होने पर गर्व हो सके। जहां नारी का सम्मान होता है वहीं देवताओं का वाश होता है।

अशोक चौरसिया

समाज को जहां अपनी मानसिकता बदलना होगा वहीं सरकार को एनडीटी एक्ट को कागज से बाहर निकालना होगा। ताकि भ्रूण जांच के नाम पर बेटियों को गर्भ में मारने वालों को रोका जा सके।

डॉ। उत्तम ओझा

सिर्फ बेटी ही है। इसी 'ही' को खत्म करना होगा। क्योंकि बेटियों ने एक बार नहीं कई बार देश का सिर ऊंचा किया है। इंदिरा गांधी से लेकर मदर टेरेसा तक सैकड़ों नाम हैं। जिनको दुनिया जानती है। बेटियां किसी से कम नहीं हैं।

डॉ। रमेश सिंह

भ्रूण जांच के नाम पर शहर में संचालित हो रहे अल्ट्रासाउंड सेंटर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। ताकि इससे अन्य सबक ले सकें। सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करने से कुछ नहीं होगा।

संदीप मिश्र