-सिटी के अधिकतर प्लेसेज पर पार्किंग में दिव्यांगों को नहंी मिलती है सहूलियत

-सड़क से लेकर पार्किंग में होती है परेशानी

स्पॉट- वन

लंका एरिया चौतरफा गाडि़यों का मकड़जाल, पार्किंग का हाल बेहाल। बीएचयू सहित कई नामी अस्पताल होने के बावजूद यहां नहीं है दिव्यांगों के लिए कोई खास इंतजाम। भीड़-भाड़ वाले इस एरिया में दिव्यांगों की राह आसान नहीं होती है। यदि उनके साथ केयर टेकर नहीं हो तो फिर इस एरिया में वह कदम भी नहीं रख सके। उदाहरण के तौर पर यह फोटो सब कुछ बयां कर रहा है।

स्पॉट टू-कैंट

पूर्वाचल भर के यात्रियों का दवाब सहने वाले कैंट पर दिव्यांगों का चलना आसान नहीं है। ट्राईसाइकिल से यहां पहुंचने में दिव्यांगों को काफी परेशानियां झेलनी होती है। इसकी बानगी आप इस फोटो में देख सकते है। किस तरह पार्किंग में बाइक रखी गई हैं। ऐसी स्थिति में दिव्यांगों का इधर से गुजरना या फिर अपनी ट्राईसाइकिल पार्किंग कर पाना आसान नहीं होता है।

स्पॉट थर्ड-सिगरा

मॉल सहित कई फेमस शॉपिंग काम्प्लेक्स से भरे पड़े सिगरा एरिया में दिव्यांगों के लिए कुछ भी स्पेशल अरेंजमेंट नहीं है। यहां भी कई जगहों पर पार्किंग बनाई गई है लेकिन दिव्यांगों के लिए पार्किंग में कुछ खास इंतजाम नहीं है। दिव्यंागों के लिए यदि कहा जाये तो इस बिजी प्लेसेज में सुविधाओं का टोटा है।

VARANASI

ये स्पॉट्स महज एक बानगी भर हैं, सिटी के अधिकतर एरिया में वैध-अवैध पार्किंग तो खूब हैं लेकिन वहां दिव्यांगों के लिए कुछ भी खास इंतजाम नहीं है। दिव्यांगों के प्रति 'सोच बदलो' कैम्पेन के तहत आई नेक्स्ट की टीम ने गुरुवार को सिटी के अधिकतर प्लेस पर रिएलिटी चेक किया तो दिव्यांगों को परेशानियों से दो चार होते पाया। सड़क पर लगे भीषण जाम में फंसे दिव्यांग अपनी मंजिल की ओर बढ़ने में झेलते रहे। सिगरा, लंका, कैंट, चौक, मैदागिन, विशेश्वरगंज, नई सड़क, गोदौलिया आदि एरिया में तो दिव्यांगों का राह चलना भी दुश्वार है। यहां कई जगहों पर पार्किंग भी है लेकिन उनमें दिव्यांग को कहीं भी सहूलियत नहीं है।

पार्किग तक झेल जाते हैं दिव्यांग

कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर का नजारा आप देखते ही होंगे। गाडि़यों की आवाजाही के बीच दिव्यांग स्टेशन पर पहुंचते हैं तो उन्हें अपना ट्राईसाइकिल खड़ा करने में कई बार सोचना पड़ता है। क्योंकि स्टेशन पर जितने भी पार्किंग हैं वहां पहुंचने में दिव्यांग असमर्थ ही रहते हैं, वहीं वाहनों का इतना मकड़जाल होता है कि उन्हें ट्राईसाइकिल खड़ा करने की जगह ही नहीं मिलती।

दिव्यांगों के लिए वाकई पार्किंग में परेशानी झेलनी पड़ती है। सिटी के अधिकतर प्लेसेज पर पार्किग में उन्हें दिक्कतें आती हैं।

पवन मोहवानी

लंका

कई जगहों पर पार्किग में दिव्यांगों को परेशानी होती है। लेकिन उनकी समस्याएं किसी को दिखाई नहीं देती हैं।

धीरज मिश्रा, लंका