-राजघाट पुल से कूदकर जान देने वाले पान के होलसेल कारोबारी के पिता ने पुलिस के सामने खोला राज

-सूद पर लिए रुपये को सूदखोर मकान बेचकर लौटाने का बेटे पर बना रहे थे प्रेशर, पांच के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

VARANASI

भले ही पुराने वक्त से चली आ ही सूदखोरी प्रथा को खत्म करने का दावा सरकारें करती रही हों लेकिन सच तो ये है कि सूदखोर आज भी लोगों का खून चूस कर उनको मरने पर मजबूर कर रहे हैं। शहर में एक बार फिर सूदखोरों के आतंक से परेशान होकर एक कारोबारी के जान देने की बात सामने आई है। दरअसल पान व्यवसायी मुरलीधर चौरसिया ने गुरुवार को राजघाट पुल से गंगा में कूद कर सुसाइड कर लिया था। इस मामले में मृतक के पिता ने बेटे की मौत के लिए सूदखोरों को जिम्मेदार बताया है। पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस जुटी जांच में

कैंट थाना क्षेत्र के हुकुलगंज निवासी नरसिंह चौरसिया का इकलौता बेटा मुरलीधर (फ्ख् वर्ष) पानदरीबा में पान का थोक व्यवसाय करता था। उसने राजघाट पुल से गुरुवार को गंगा में कूदकर जान दे दी थी। इस मामले में मुरलीधर के पिता ने शुक्रवार को आदमपुर थाने में पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि इन पांचों लोगों ने उनके बेटे को अपने जाल में फंसाकर पहले तो सूद पर रुपये दिए लेकिन बाद में रुपये लौटाने का दवाब बनाते हुए उसे परेशान करने लगे। जब बेटे ने रुपये न होने की बात कही तो सूदखोरों ने उसे घर बेचकर किसी हाल में रुपये लौटाने को कहा। इस पर मुरलीधर ने सूदखोरों से कहा था कि भभुआ, बिहार निवासी एक पान व्यवसायी को उसने छह लाख का माल उधार दिया है। उससे बकाया मिलते ही वह कर्ज चुकता कर देगा। इस सिलसिले में वह दो दिन पूर्व भभुआ भी गया था। बकाया पैसा नहीं मिलने और सूदखोरों के लगातार दबाव से मुरलीधर काफी परेशान था। इससे आजिज आकर उसने पुल से कूदकर जान दे दी।

नया नहीं है ये धंधा

- बनारस में सूदखोरों का नेटवर्क काफी लंबा है।

-सूदखोरों ने कई सरकारी व गैर सरकारी विभागों में अपनी घुसपैठ बना रखी है।

-सब जानने के बाद भी पुलिस इनका कुछ नहीं कर पाती है।

- पिछले दिनों ऐसी कई घटनाएं हुई जिसने सूदखोरों को रोकने के पुलिसिया दावों की पोल खोल दी।

-छह साल पहले रविन्द्रपुरी में एक सूदखोर ने रुपये न मिलने पर एक कैटरर की हत्या कर दी थी।

-वहीं ख्0क्फ् में सूदखोरों ने एक निगम कर्मी को पीट पीटकर मार डाला था।

- ख्009 में सूदखोरों से परेशान एक महिला ने निगम में ही खुद को आग लगाकर जान दे दी थी।

- कुछ दिन पहले हुकुलगंज में सूदखोरों से तंग आकर एक महिला ने चार साल के बेटे संग खुद को आग लगा ली थी।

वादे हैं वादों का क्या

- अगर नियम की बात करें तो सिर्फ रजिस्टर्ड व्यक्ति ही सूद पर पैसे दे सकता है।

- इसके लिए ब्याज निर्धारित है

- लेकिन इस वक्त शहर में सैकड़ों सूदखोर पैसे बांट रहे हैं।

-सूदखोरों का आतंक शहर के हर इलाके में ह.ै

- नगर निगम, रेलवे, डीरेका, विकास प्राधिकरण, विकास भवन समेत हर जगह काम करने वाले छोटे कर्मचारी इनके निशाने पर रहते हैं।

- हर महीने इन कर्मचरियों को सैलरी मिलने से पहले ही ये इनके ऑफिस पहुंचकर खड़े हो जाते हैं।

-और रुपये हाथ में आते ही इनसे अपना हिस्सा छीनकर निकल लेते हैं।

-हद तो ये है कि सूदखोर दी गई असल रकम के एवज में क्0 से क्भ् परसेंट तक ब्याज वसूलते हैं।

- इन सूदखोरों को रोकने के लिए स्पेशली सूदखोर निवारण सेल बनाया गया है, जो एसएसपी ऑफिस के बगल में संचालित होता है

- लेकिन यहां सूदखोरी का कोई मामला अब पहुंचता ही नहीं है।