- समाजवादी पार्टी में शुरू हुई अंदरुनी किचकिच के बाद घोषित कैंडीडेट्स सहमे, टिकट कटने के डर से कईयों ने रोक दिया प्रचार-प्रसार

- चुनाव है नजदीक फिर भी नहीं दिख रहा प्रत्याशियों में उत्साह

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विधानसभा चुनावों की घोषणा कभी भी हो सकती है। इसको लेकर हर पार्टी अपनी ओर से तैयारियों में जी जान से जुटी है। लेकिन सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में चल रही कलह के चलते पार्टी तो पार्टी उससे जुड़े कार्यकर्ता भी प्रचार प्रसार का मूड नहीं बना पा रहे हैं। खासतौर पर शिवपुर, कैंट, दक्षिणी और उत्तरी विधानसभाओं में। क्योंकि इन विधानसभाओं में पिछले दिनों ही सपा ने अपने कैंडीडेट्स को डिसाइड कर उन्हें पूरी ताकत झोंकने को कह दिया था लेकिन दो दिन पहले सीएम अखिलेश की ओर से नये कैंडीडेट्स की सूची सपा सुप्रिमो मुलायम सिंह को देने की चर्चा के बाद टिकट डिसाइड होने के बाद प्रचार प्रसार में जुटे कैंडिडेट्स भी सकते में आ गए हैं और तेजी से कर रहे खर्चे को रोक कर इंतजार कर रहे हैं। सपा में चल रही उठा पटक के बीच होने वाली अगली घोषणा का।

कई बार हो चुका है ऐसा

सपा में चल रही आंतरिक कलह के बीच अलग अलग सीटों पर घोषित प्रत्याशियों के लिए कई दिनों से बड़ी अजीब स्थिति है। नोटबंदी के पहले शिवपाल और अखिलेश में हुए विवाद के बाद दोनों के समर्थक इस असमंजस में थे कि साथ दें तो दें किसका क्योंकि दोनों पार्टी की मेन टीम का हिस्सा हैं। वहीं काफी दिनों से शांत पड़े अखिलेश का अचानक से फिर से चाचा शिवपाल से इतर अपने पसंदीदा प्रत्याशियों की सूची सौंपना कैंडीडेट्स को कंफ्यूज कर रहा है। हालांकि जब इस बारे में कुछ कैंडीडेट्स से उनकी राय जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने सीधे तो कुछ नहीं कहा लेकिन बात को घुमाते हुए बोले कि फैसला पार्टी को करना है जो कहा जायेगा वो होगा। फिलहाल सभी की निगाहें आने वाले दिनों में होने वाले पार्टी के फैसलों पर टिकी हैं।