-डील में पेनाल्टी शामिल किए जाने से पीछे हट रही इंटेक

-संरक्षण के कार्य में एक निश्चित डेट निर्धारित करना मुश्किल

VARANASI

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के ऐतिहासिक मुख्य भवन का जीर्णोद्धार का मामला फंस गया है। कार्यदायी संस्था इंडियन नेशलन ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटेक) पेनाल्टी की शर्त पर जीर्णोद्धार का काम स्टार्ट करने के लिए राजी नहीं है। हालांकि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन व इंटेक के बीच में वार्ता जारी है। विश्वविद्यालय प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही इसका रास्ता निकल जाएगा।

दो साल का टारगेट

मुख्य भवन के जीर्णोद्धार का काम दो साल में पूरा करने का टारगेट निर्धारित किया गया था। वहीं यूनिवर्सिटी की कार्यपरिषद ने दो साल में जीर्णोद्धार पूरा न होने पर इंटेक पर पेनाल्टी लगाने की शर्त जोड़ दी है। शासन ने अनुबंध में इंटेक पर पेनाल्टी लगाने की मंजूरी दे दी है। बावजूद अब तक इंटेक से अनुबंध नहीं हो सका है। इंटेक के डिस्ट्रिक्ट चीफ व पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त डॉ। ओपी केजरीवाल ने बताया कि राष्ट्रपति भवन का दरबारी हाल सहित सैकड़ों भवनों के संरक्षण का कार्य इंटेक कर चुकी है। इंटेक देश की प्रतिष्ठित संस्था है। किसी भी बिल्डिंग के संरक्षण के अनुबंध में पेनाल्टी नहीं जोड़ा गया। कारण संरक्षण के कार्य में समय लग सकता है। कहा कि पेनाल्टी तो यूनिवर्सिटी पर लगाना चाहिए। मुख्य भवन का एक बार पैसा लैप्स हो चुका है। इस बार भी लैप्स होने के कगार पर है। दूसरी ओर वीसी प्रो। यदुनाथ दुबे का कहना है कि मुख्य भवन के जीर्णोद्धार के लिए इंटेक से अनुबंध के लिए पत्र तैयार कर लिया गया है। यूनिवर्सिटी के इंजीनियर के प्रतिनियुक्ति पर चले जाने के कारण अनुबंध पर हस्ताक्षर होने में विलंब हो रहा है। उन्होंने जल्द ही अनुबंध पर दोनों पक्षों से समझौता होने की उम्मीद जताई है।

तब लैप्स हो जाएगा ग्रांट

गवर्नमेंट ने मुख्य भवन के जीर्णोद्धार के लिए यूनिवर्सिटी के क्ख् करोड़ रुपये के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी है। इतना ही नहीं शासन ने इसकी पहली किश्त चार करोड़ भ्भ् लाख रुपये भी शासन ने जारी कर दिया है। यूनिवर्सिटी को स्वीकृत फंड का फ्क् मार्च तक उपयोग कर लेना है। यदि फ्क् मार्च से पहले जीर्णोद्धार का काम शुरू नहीं हुआ तो पैसा लैप्स होना तय है।