-शहर में ध्वस्त हो चुकी ट्रैफिक व्यवस्था के पीछे ट्रैफिक पुलिस व प्रशासन दोनों हैं जिम्मेदार

--i next के स्टिंग में सच आया सामने, हर कोई अपनी जिम्मेदारी से झाड़ रहा पल्ला

-चौराहों पर तैनात जवान ड्यूटी कम गप्पे लड़ाने में दिखे ज्यादा मशगूल

-रोड किनारे किया गया सरकारी अतिक्रमण से लग रहा जाम, पब्लिक परेशान

VARANASI:

Scene-1

शहर के सबसे बिजी चौराहे अंधरापुल पर ट्रैफिक का लोड दिन रात हर वक्त रहता है। यहां ट्रैफिक कंट्रोल के लिए तीन ट्रैफिक कांस्टेबल्स, एक टीएसआई और आधा दर्जन होमगा‌र्ड्स लगे हैं। इसके बाद भी यहां अक्सर जाम लगता है। इसकी वजह जानने के लिए पड़ताल की तो यहां तैनात ट्रैफिक कांस्टेबल से लेकर होमगा‌र्ड्स तक ड्यूटी कम गप लड़ाते ज्यादा नजर आये। ये सच आई नेक्स्ट के स्टिंग के दौरान सामने आया।

Scene- 2

अपने शहर का डेवलपमेंट बीते कई सालों से जारी है। कभी सड़क खोदी जा रही है तो कभी बन रही है। इस कारण रोड किनारे रखी गई निर्माण सामग्री हटने का नाम नहीं ले रही है। अब महमूरगंज इलाके में ही सड़क किनारे पड़े बालू और ईट को देख लीजिए। ये सरकारी अतिक्रमण ही तो है जो इस इलाके में सुबह और शाम जाम का सबब बन रहा है। इसके बाद भी प्रशासन की इस एनक्रोचमेंट पर नजर नहीं जा रही है।

ये दोनों सीन्स ये बताने के लिए हैं कि अपने शहर के ट्रैफिक का बैंड बजाने में कोई पीछे नहीं है। जिस ट्रैफिक पुलिस पर ट्रैफिक कंट्रोल करने का जिम्मा है वह अपने इस काम से पल्ला झाड़कर मौज काटने में ही जुटी रहती है। जिसके कारण जाम लगने की समस्या आम हो चुकी है। वहीं सड़क किनारे किये गए सरकारी अतिक्रमण के चलते जाम का झाम और बढ़ता ही जा रहा है।

जरूरी है मुस्तैद रहना

-ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक पुलिस के जवानों को अपने ड्यूटी पॉइंट्स पर एक्टिव रहना जरूरी है

-अगर शहर के बिजी चौराहों की बात करें तो इनकी संख्या आधा दर्जन है।

- इनमें कृष्णा धर्मशाला चौराहा, अंधरापुल, मैदागिन, गोदौलिया और लंका शामिल हैं।

- इन चौराहों पर दो शिफ्ट्स में ट्रैफिक पुलिस के जवान ड्यूटी करते हैं।

-इसके बाद भी इन चौराहों पर अक्सर लगता है जाम।

-इसकी बड़ी वजह यह है कि यहां तैनात जवानों का स्मूद ट्रैफिक पर कम ट्रैफिक को कंट्रोल करने में ज्यादा रहता है।

- इनकी आंखों के सामने पब्लिक रूल्स तोड़ती है, ऑटो वाले चौराहे पर कब्जा किये रहते हैं और ये लोग कुछ नहीं करते।

- जबकि अगर ये एक्टिव होकर अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करें तो शायद यहां जाम ही न लगे।

प्रशासन को भी होना होगा एक्टिव

- जाम को लेकर प्रशासन समय समय पर जागता है।

- शहर में जाम लगने वाले पॉइंट्स को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए अभियान चलता है।

- ठेले खोमचे हटाये जाते हैं और पक्के। कच्चे अतिक्रमण को भी ढहाने का काम होता है।

-लेकिन कुछ ही दिनों बाद सब कुछ पहले जैसा नजर आने लगता है।

- प्रशासन रोड पर पब्लिक की ओर से किए गए कब्जे को तो हटवाता है लेकिन अपनी ओर से किए गए कब्जे पर ध्यान नहीं देता

-अपनी ओर से मतलब सड़क पर रोड निर्माण और खोदाई के नाम पर फैले निर्माण सामग्री से है।

-इसे हटाने के लिए प्रशासन आगे आये तो जाम की प्रॉब्लम काफी हद तक सॉल्व हो सकती है।