-बनारस के smart city में शामिल होने के अगले ही दिन हुई झमाझम बरसात ने खोल दी smartness की पोल

- बारिश के season के वक्त साफ हुए नाला नाली हुए overflow, शहर के लगभग हर इलाके में लगा पानी, गिरते पड़ते रहे लोग

क्ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्गफ्ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को स्मार्ट बनाने की तैयारी शुरू हो गई है लेकिन बुधवार की सुबह चार-पांच घंटे की हुई बरसात ने स्मार्ट शहर की दिशा में बढ़ रहे हमारे कदम को थोड़ा डगमगाने का काम जरूर किया है, क्योंकि कुछ ही देर की बरसात के बाद जिस तरह से शहर का लगभग हर इलाका पानी पानी हुआ, उसके बाद ये सवाल उठना लाजिमी है कि स्मार्ट बनने के लिए कितने तैयार हैं हम? क्योंकि वॉटर लॉगिंग की समस्या है तो पुरानी लेकिन मॉनसून से पहले इसको दूर करने की तैयारी बखूबी हुई थी। इसके बाद भी शहर की सड़कों का हाल बेहाल होना ये बताता है कि स्मार्ट बनने की राह में अभी बहुत से रोड़े हैं और बगैर इनको दूर किये हम स्मार्ट नहीं बन सकते।

हालात गए बिगड़

बुधवार की सुबह मौसम में आये अचानक बदलाव ने भले शहर के लोगों को गर्मी और उमस से राहत दी हो लेकिन ये राहत आफत बनकर आई क्योंकि कुछ देर तक हुई बरसात के बाद शहर का हर इलाका जलमग्न हो गया। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चे रास्ते में ही फंस गए तो ऑफिस गोइंग लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। शहर के गोदौलिया, लक्सा कमच्छा, सिगरा, गुरुबाग, महमूरगंज, नई सड़क और अंधरापुल पर पानी लगने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऊपर से खराब सड़कों ने आग में घी का काम किया और लोग गिरते पड़ते रहे।

कई साल से है समस्या

- शहर में वॉटर लॉगिंग की प्रॉब्लम दूर नहीं हो रही

- गोदौलिया से लक्सा और नई सड़क हर बारिश में डूब जाते हैं

- गुरुबाग- रथयात्रा, तेलियाबाग- लहुराबीर रोड का भी यही हाल है

- महमूरगंज आकाशवाणी से पेट्रोल पंप तक पानी भरता ही है

- कमच्छा, रविन्द्रपुरी, लंका में भी वाटर लॉगिंग की प्रॉब्लम पुरानी है

- इसके बाद भी इनको दूर करने की कोई प्लैनिंग नहीं है

तो ऐसे कैसे बनेंगे स्मार्ट

- शहर को स्मार्ट बनाने में बहुत से रोड़े हैं

- खराब सड़कें सबसे बड़ी दिक्कत हैं

- इसके बाद कूड़े की डंपिंग की अब तक कोई व्यवस्था नहीं है

- कूड़े का निस्तारण भी नहीं होना बड़ी प्रॉब्लम है

- जाम की समस्या का कोई अंत नहीं है

- पुराने शहर का प्रॉपर विकास अब तक नहीं हो सका है

- गलियों के शहर में गलियों का हाल बुरा है

- छुट्टा जानवरों का कोई इंतजाम नहीं है

- जिसके कारण सड़कें इनका ठिकाना बनी हैं

- सीवर सिस्टम भी काफी पुराना है

- जिसके कारण हर बारिश में शहर पानी-पानी हो जाता है