वाराणसी (ब्यूरो)। नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 2022 में आजमगढ़ में नौ लोगों की जहरीली शराब से मौत के मामले में समाजवादी पार्टी के विधायक रमाकांत यादव की जमानत याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दियाजस्टिस अभय एस ओका और राजेश ङ्क्षबदल की अवकाश पीठ ने उन्हें जमानत देने से इन्कार करने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से मना कर दियाइसके बाद यादव के वकील ने याचिका वापस ले लीमामले को वापस लिया गया मानकर इसे खारिज कर दिया गयासपा विधायक रमाकांत ने हाई कोर्ट के 14 मई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था और ट्रायल कोर्ट को चार महीने के भीतर शेष गवाहों की जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया थारिकार्ड के अवलोकन से पता चलता है कि याचिकाकर्ता की पहली जमानत याचिका इस न्यायालय द्वारा बीते वर्ष छह सितंबर के आदेश के तहत खारिज कर दी गई थी और ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया गया था कि वह मुकदमे में तेजी लाए और इसे यथाशीघ्र अधिकतम छह माह की अवधि के भीतर समाप्त करेहालांकि अभी तक केवल छह गवाहों की ही जांच की गई है

महत्वपूर्ण गवाहों की जांच

हाई कोर्ट ने कहा था कि रिकार्ड पर मौजूद सामग्री से ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ महत्वपूर्ण गवाहों की जांच की गई है लेकिन कुछ गवाहों के बयान अभी दर्ज किए जाने बाकी हैंमामले के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मुकदमे के इस चरण में याचिकाकर्ता यानी आरोपित को जमानत पर रिहा करना न्यायसंगत और उचित नहीं होगाफरवरी 2022 में आजमगढ़ के अहरौला पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जहां जहरीली शराब पीने से नौ लोगों की मौत हो गई थीहालांकि यादव का नाम प्राथमिकी में नहीं था लेकिन इसे बाद में सितंबर 2022 में शामिल किया गया था