--BHU में HRD मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर संग VCs की हुई मीटिंग में seat बढ़ाने का हुआ डिसीजन

--IIT और IIM में भी सीटें बढ़ाई जाएंगी, नेशनल डिपॉजिटरी रोकेगी सर्टिफिकेट का फर्जीवाड़ा

VARANASI

सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में अब और अधिक स्टूडेंट्स को पढ़ने का मौका मिलेगा। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में गुरुवार को सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के वीसीज की हुई मीटिंग में सीट बढ़ाने का डिसीजन लिया गया। वीसीज को अगले महीने तक स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ाने का प्लान मंत्रालय को सौंपने को कहा गया है। यह भी तय हुआ कि आईआईटी के साथ ही आईआईएम में भी सीटें बढ़ाई जाएंगी।

फ्म् कुलपति हुए शामिल

वीसी के सेंट्रल ऑफिस में हुई मीटिंग में फ्म् सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के वीसी शामिल हुए जबकि चार यूनिवर्सिटी की ओर से प्रतिनिधि आए थे। दो सेशन में चली मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने मीडिया को बताया कि देश में सेंट्रल यूनिवर्सिटी अब 'सेंटर ऑफ एक्सिलेंस' के तौर पर कार्य करेंगी। पीएम नरेंद्र मोदी के विजन को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयास हो रहे हैं। पीएम की मंशा है कि यूनिवर्सिटी व शैक्षिक संस्थाएं आसपास भी शिक्षण व विकास करें।

सर्टिफिकेट का डिजिटलाइजेशन

मीटिंग में तय हुआ कि नेशनल डिपॉजिटरी की व्यवस्था होगी जिसके तहत सभी तरह के सर्टिफिकेट का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा। इससे सर्टिफिकेट के माध्यम से किए जाने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी। समीक्षा बैठक में पाया गया कि कहीं दस तो कहीं पचास परसेंट तक पद रिक्त हैं। इस पर वीसीज को निर्देश दिया गया कि वे जल्द अपने यहां रिक्त पदों को भर लें। जावड़ेकर ने एनआईटी के भी रिक्त पदों को भरने के लिए कमेटी बनाए जाने की जानकारी दी। उन्होंने कोर्सेज को लेकर यूनिवर्सिटीज की स्वायत्तता से किसी भी प्रकार का समझौता न करने की बात कही। यह भी जोड़ा कि फर्जी कॉलेजेज व इंस्टीट्यूट पर कड़ी कार्रवाई का सिलसिला जारी रहेगा।

बनारस में पॉयलट प्रोजेक्ट

केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री डॉ। महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर प्राइमरी स्कूल में भी अच्छी शिक्षा के लिए मंत्रालय पॉयलट प्रोजेक्ट स्टार्ट करने जा रहा है। इसके तहत बनारस और मीरजापुर मंडल के सात डिस्ट्रिक्ट के 88 ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल के साइंस के टीचर्स को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रोजेक्ट की सफलता की स्थिति में इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। ट्रेनिंग का जिम्मा महामना मदन मोहन मालवीय शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान को दिया गया है।